बरसाने की लठामार होली देख आनन्द से अभिभूत हो गये कलाप्रेमी
मथुरा। देश के विभिन्न भागों से आए हजारों कलाप्रेमी आज बरसाने में आयोजित लठामार होली को देखकर आनन्द से अभिभूत हो गये जबकि नन्दगांव में मंगलवार को होली खेली जायेगी। बरसाने की लठामार होली वास्तव में श्यामाश्याम की होली है जिसमें कृष्ण और उनके सखा राधारानी और उनकी सखियों के साथ होली खेलते हैं । आज शाम को आयोजित इस होली में श्रीकृष्ण और उनके सखा के प्रतीक हुरिहार नये लहंगा और फरिया पहने राधारानी और उनकी सखियों की प्रतीक हुरिहारिनो पर रंग और गुलाल डालकर उनके वस्त्र रंगीन करने का प्रयास कर रहे थे तो श्रीकृष्ण और उनके सखा के प्रतीक हुरिहार चमड़े की बनी ढ़ाल पर हुरिहारिनो के लाठी प्रहार को फुदक फुदककर रोक रहे थे।
इस होली के दौरान कभी कभी किसी हुरिहार और किसी हुरिहारिन में एक प्रकार से प्रतियोगिता हो जाती थी । हुरिहारिन लगातार लाठियों से प्रहार करती और हुरिहार उस प्रहार को चमड़े की ढाल पर तब तक रोकता जब तक हुरिहारिन थककर पीछे न हट जाती अथवा एक हुरिहार पर दो तीन हुरिहारिन लाठियों से प्रहार करतीं और हुरिहार उनके प्रहारों को बचाने में समर्थ हो जाता। इसी बीच रसिया गायन हो रहा था ’’फाग खेलने बरसाने आए हैं नटवर नन्द किशोर।’’ अथवा ’’ऐसो चटक रंग डार्येा श्याम मेरी चूनर में लग गयो दाग री ऐसो चटक रंग डार्यो ’’।
लठामार होली की चरम परिणति में रंगीली गली का वातावरण लाठियों की तड़तड़ाहट और चमड़े की ढाल पर उनके प्रहार से हुई आवाज से जहां गूंज रहा था वहीं रंग और गुलाल के कारण वातावरण इन्द्रधनुषी बन गया था। लठामार होली शुरू होने के ठीक पहले आई रिमझिम बारिश और तेज आंधी हुरिहारों और हुरिहारिनों के जोश को कम न कर सके। दोपहर बाद नन्दगांव के हुरिहारेां के पीली पोखर बरसाना पर पहुंचने पर उनका स्वागत भांग और ठंढ़ाई से बरसानावासियों ने किया।इसके बाद हुरिहार ब्रह्माचल पर्वत पर स्थित लाडली मन्दिर पहुंचे जहां पर उन्होंने समाज गायन में भाग लिया तथा कुछ समय बाद उनके रंगीली गली में आने पर हंसी ठिठोली के बीच लठामार होली की शुरूवात हो गई।
पुलिस अधीक्षक (देहात) श्रीशचन्द्र ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी से इलाके में नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि आज कुछ पुलिसकर्मियों को सादा वर्दी में संवेदनशील स्थानों पर भी लगाया गया था जिसके कारण बाहर से आये युवा युवतियों के साथ किसी प्रकार की असभ्यता नहीं कर सके। बरसाना पहुंचने के विभिन्न मार्गों पर ही पार्किंग की व्यवस्था करने से आज यातायात किसी प्रकार बाधित नही हुआ। (वार्ता)