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Dainik Vishwamitra

शनिवार ११ मई २०२४

अति तीव्र तूफ़ान में बदला अरब सागर का बवंडर 'टॉक्टे', गुजरात में भारी वर्षा चेतावनी, एक लाख अधिक का स्थानांतरण



अहमदाबाद। अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफ़ान टॉक्टे अब अति तीव्र (वेरी सिवीयर) श्रेणी के तूफ़ान में परिवर्तित हो गया है तथा इसके कल तक और विकराल रूप लेकर गुजरात तट के नज़दीक पहुंचने और 18 मई की सुबह राज्य के महुवा (भावनगर) और पोरबंदर के बीच से तट से टकराने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
मौसम विभाग से आज मिली जानकारी के अनुसार यह तूफ़ान आज दोपहर ढाई बजे गुजरात के वेरावल तट से 570 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित था।इसके कल गुजरात तट के और क़रीब पहुंचने के दौरान हवाओं की रफ़्तार 155 से लेकर 185 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। इसके साथ तटीय गुजरात में भावनगर, गिर सोमनाथ, अमरेली, पोरबंदर के अलावा अहमदाबाद, वडोदरा, भरूच, वलसाड आदि में भारी से अति भारी वर्षा भी हो सकती है। तूफ़ान के असर से आज ही गुजरात में कई स्थानों पर बारिश हो रही है। तटवर्ती इलाक़ों में तेज़ हवाओं के साथ बारिश हो रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ बात कर तूफ़ान से बचाव और राहत आदि के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
तूफ़ान के मद्देनज़र राज्य में कोरोना टीकाकरण का काम कल और परसों पूरी तरह बंद रखने का फ़ैसला किया गया है। राज्य ने आपदा नियंत्रण सम्बंधी कार्यों की निगरानी कर रहे राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि राहत कार्य के लिए कुल मिलाकर एनडीआरएफ की 45, एसडीआरएफ की छह टीमें तैनात की जा रही हैं। आज देर रात तक तटीय इलाक़ों से लगभग डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा। इस दौरान कोरोना सम्बंधी सभी मानकों का पालन किया जाएगा। तूफ़ान के सम्भावित असर वाले जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। सम्भावित इलाक़ों में बिजली आपूर्ति पर असर की आशंका के मद्देनज़र ज़रूरी पावर बैक अप की व्यवस्था की जा रही है।
समुद्र में उथल पुथल के चलते मछुआरों को पांच दिनों तक इसमें नहीं जाने की सलाह दी गयी है। सैकड़ों नावों को वापस भी बुला लिया गया है। गुजरात के सभी बंदरगाहों पर भी चार नम्बर का चेतावनी सिग्नल लगा दिया गया है।
मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि तूफ़ान, भारी वर्षा और तेज़ हवाओं के कारण तटीय इलाक़ों में कच्चे, पक्के मकानों, सड़कों, बिजली के खम्बों, पेड़ों और फ़सलों आदि को नुक़सान हो सकता है। इसमें ख़तरे वाले इलाक़ों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने, मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने, सड़क और रेल यातायात को भी नियंत्रित करने, तूफ़ान के दौरान लोगों से घरों में रहने की सलाह भी दी गयी है। इस बीच रेलवे ने तूफ़ान के मद्देनज़र कई रेलगाड़ियों को रद्द भी किया है। 


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