लगातार बढ़ रहा है इटावा सफारी पार्क का आकर्षण
इटावा। चंबल की बदनाम छवि को बदलने के इरादे से उत्तर प्रदेश के बीहड़ों में स्थापित इटावा सफारी पार्क का आकर्षण देश दुनिया में लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है।
सफारी पार्क के उप निदेशक अरुण कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि सफारी पार्क इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एशिया का एकमात्र ब्रीडिंग सेंटर है जिसके जरिए एशियाटिक शेरों की संख्या में इजाफा होना तय माना जा रहा है। फिलहाल इटावा सफारी पार्क में 18 शेर है इनमें से नौ अकेले इटावा सफारी पार्क में ही पैदा हुए हैं। तीन भालू भी यहां पर है लेकिन आगरा से एक दर्जन के आसपास भालुओं को लाया जाना है।
विश्व प्रसिद्ध ताजमहल वाले आगरा के पास होने के कारण पर्यटकों के लिए इटावा सफारी पार्क बेहद अहम है। एशिया के एक मात्र एशियाटिक शेरो का ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना का मकसद शेरो की विलुप्त हो रही तादात में इजाफा करने का है।
पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में स्थापित किये गए इटावा सफारी पार्क का शुभारंभ एक जून 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर लाइव सफारी शुरू नहीं की गई है लेकिन पर्यटकों को शेर दिखाई जाना शुरू कर दिए गए हैं इससे पर्यटक आंनद का एहसास कर रहे है। आम पर्यटकों के लिए 24 नवम्बर 2019 को खोला गया। इटावा सफारी पार्क में काले हिरन का कुनबा बढ़ रहा है। हिरनो को भी रास आ रही सफारी की हवा इसलिए ही सफारी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
काले हिरन को इटावा सफारी पार्क खूब रास आ रहा है,सुरक्षा और भोजन की प्रचुरता की बजह से इनकी वंश बेल बीते पांच साल 10 जोड़ों ने कुनबा अब 80 से अधिक हुए हो चुका है। इटावा सफारी पार्क के वर्ष 2016 में शुभारंभ में यहा बीस काले हिरन लाये जाने के बाद से अब तक चार गुना इनकी तादात हुई है। डियर सफारी में इनकी उछल कूद देखने के लिए दर्शको की भी संख्या में इजाफा होता जा रहा है । इस वन्य जीव की संख्या के साथ पर्यटकों के बढ़ाने से सफारी पार्क के अधिकारी भी उत्साहित हैं।
काला मृग केंद्र सरकार के वन्य जीव अधिनियम 1971 के अंतर्गत शिड्यूल-1 श्रेणी के वन्यजीव है। ये खुले मैदानों में रहने के कारण इनका शिकार हो जाता है। इटावा सफारी पार्क में इनको संरक्षण के उद्देश्य से लाया गया था, काले मृग को कृष्ण मृग भी कहा जाता है और यह अपनी खूबसूरती के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है इसका शिकार प्रतिबंधित है।
इटावा सफारी पार्क में 18 के आसपास शेर हो गए हैं , इनमे 9 केवल सफारी में ही पैदा हुए है। 3 भालू भी यहां पर है लेकिन आगरा से एक दर्जन के आसपास भालुओं को लाया जाना है। एटा लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर के पद पर तैनात ए.के.सिंह अपने परिवार के साथ इटावा सफारी पार्क देखने आए। वह बताते हैं कि अपने सीनियर की सलाह पर लायन सफारी देखने आए है। सफारी का निर्माण बेहद ही अद्भुत है। कन्नौज की अंकिता गुप्ता भी इटावा सफारी पार्क देखने के लिए अपने परिवार के साथ आई है ओर बेहद खुश दिख रही है।
इटावा के रहने वाली शिक्षिका सुनीता मिश्रा इससे पहले भी कई तथा लायन सफारी भ्रमण कर चुकी है । वो लायन सफारी हर बार इसलिए देखने आती है क्यों कि सफारी में आंनद की आनंद मिलता है। बरेली से परिवार के साथ सफारी देखने आई नीतू सिंह सफारी के वन्यजीवों और यहां की खूबसूरती को देखकर के बेहद गदगद दिखाई दे रही है। नीतू सिंह की बेटी नाव्या सिंह अपनी मां की तरह ही सफारी का आनंद ले खुश है। छात्र प्रियांशु भदोरिया सफारी के वन्यजीवों को देखने के बाद खुशी का इजहार करते हुए दिख रहे हैं।
कुख्यात डाकुओं की शरणस्थली के रूप में बदनाम रही चंबल घाटी को पर्यटकों के लिए आबाद करने की मंशा के तहत सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का साल 2003 मे इस प्रोजेक्ट की शुरूआत कराई थी लेकिन 2007 में उत्तर प्रदेश में मायावती ने सत्ता में आते ही इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
2003 में जब उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी सत्ता में आई तो उस समय इटावा समेत पूरी चंबल घाटी में कुख्यात डाकुओं का आतंक चरम पर था । ऐसे में मुलायम सिंह यादव ने डाकुओं की छाप से इटावा को मुक्त कराने के मकसद से पहले तो डाकुओं का सफ़ाया कराया । उसके बाद इटावा को पर्यटन मानचित्र पर लाने की गरज से बीहड़ में लायन सफारी की स्थापना की रूपरेखा शुरू कराई। रूपरेखा का ही नतीजा आज बीहड मे स्थापित सफारी भव्य रूप मे दिखाई दे रहा है ।
इटावा सफारी पार्क में बनी लायन सफारी को खोले जाने की तैयारी तेज हो गई है। इस संबंध में विभाग के मुख्यालय से अनुमति मांगी गई है। इटावा सफारी पार्क को 2019 मे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था लेकिन इसमें सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र लायन सफारी को अभी तक नहीं खोला गया है। लेकिन अब इसके खोले जाने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए जिन तीन शेरों भरत, रूपा और सोना को पहले चरण में पर्यटकों को देखने के लिए छोड़ा जाएगा उनका रिहर्सल भी कराया जा चुका है।
डिप्टी डायरेक्टर के.के.सिंह ने बताया कि लायन सफारी खोले जाने की तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और विभाग मुख्यालय से सफारी खोले जाने की अनुमति मांगी गई है। संभव है कि अगले महीने पर्यटकों को शेरों के दीदार होने लगे। इटावा सफारी पार्क के 50 हेक्टेयर में लायन सफारी बनाई गई है और इसके 27 हेक्टेयर क्षेत्र में शेर खुले में विचरण करेंगे और पर्यटक बंद गाड़ियों से वहां से गुजरेंगे और शेरों का दीदार करेंगे। हालांकि अभी जो पर्यटक सफारी देखने के लिए जा रहे हैं। उनकी बसों को इस तरह से ले जाया जा रहा है जिससे वे शेरों की दूर से ही दीदार कर सकें।