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Dainik Vishwamitra

रविवार १२ मई २०२४

मनोरंजन-नाना जन्मदिन दो अंतिम मुंबई


वर्ष1991 में नाना पाटेकर ने फिल्म निर्देशन में भी कदम रख दिया और 'प्रहार' का निर्देशन किया साथ ही अभिनय भी किया। इस फिल्म की सबसे दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने अभिनेत्री माधुरी दीक्षित से ग्लैमर से विहीन किरदार निभाकर दर्शकों के सामने उनकी अभिनय क्षमता का नया रूप रखा। वर्ष 1992 मे रिलीज फिल्म 'तिरंगा' बतौर मुख्य अभिनेता नाना पाटेकर के सिने करियर की पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुई। निर्माता-निर्देशक मेहुल कुमार की इस फिल्म में उन्हें संवाद अदायगी के बेताज बादशाह राजकुमार के साथ काम करने का मौका मिला लेकिन नाना पाटेकर ने भी अपनी विशिष्ट संवाद शैली से राजकुमार को अभिनय के मामले में कड़ी टक्कर देते हुए दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
वर्ष 1996 मे रिलीज फिल्म 'खामोशी' मे उनके अभिनय का नया आयाम दर्शकों को देखने को मिला। इस फिल्म में उन्होंने अभिनेत्री मनीषा कोईराला के गूंगे पिता की भूमिका निभाई। यह भूमिका किसी भी अभिनेता के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी। बगैर संवाद बोले सिर्फ आंखो और चेहरे के भाव से दर्शकों को सब कुछ बता देना नाना पाटेकर की अभिनय प्रतिभा का ऐसा उदाहरण था, जिसे शायद ही कोई अभिनेता दोहरा पाये। वर्ष 1999 मे नाना पाटेकर को मेहुल कुमार की ही फिल्म 'कोहराम' में भी काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में उनके अभिनय के नए आयाम देखने को मिले। फिल्म में उन्हें सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ पहली बार काम करने का मौका मिला। फिल्म मे अमिताभ बच्चन और नाना पाटेकर जैसे अभिनय की दुनिया के दोनों महारथी का टकराव देखने लायक था। हांलाकि इसके बावजूद भी फिल्म को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई।
वर्ष 2007 में रिलीज फिल्म 'वेलकम' में नाना पाटेकर के अभिनय का नया रंग देखने को मिला। इस फिल्म के पहले उनके बारे में कहा जाता था कि वह केवल संजीदा अभिनय करने में ही सक्षम है लेकिन नाना ने जबरस्त हास्य अभिनय कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर अपने आलोचकों का मुंह सदा के लिए बंद कर दिया और फिल्म को सुपरहिट बना दिया।नाना पाटेकर को अब तक चार बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। नाना पाटेकर को तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। नाना पाटेकर आज भी जोरोखरोश के साथ काम कर रहे हैं।


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