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Dainik Vishwamitra

रविवार १२ मई २०२४

संसद का बजट सत्र कल से, खूब हंगामेदार होने की संभावना


 
नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच शुक्रवार को राष्ट्रपति अभिभाषण के साथ शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के खूब हंगामेदार होने की संभावना है। कांग्रेस समेत प्रमुख विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का ऐलान करके अपने तेवर साफ कर दिये हैं।
लोकसभा सचिवालय के अनुसार बजट सत्र 29 जनवरी से आठ अप्रैल तक चलेगा जिसमें 33 दिन कार्यवाही चलेगी। कल पूर्वाह्न 11 बजे राष्ट्रपति श्री कोविंद दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। लोकसभा की कार्यवाही राष्ट्रपति के अभिभाषण के समाप्त होने के आधा घंटे बाद थोड़ी देर के लिए होगी जिसमें आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश किया जाएगा।
संसद के बजट सत्र में कुल 12 बैठकें होंगी जबकि अगला चरण आठ मार्च से शुरू होकर आठ अप्रैल को समाप्त होगा जिसमें कुल 21 बैठकें होंगी। टीकाकरण शुरू होने के बावजूद संसद बजट सत्र की कार्यवाही में कोविड-19 महामारी की छाया से मुक्त नहीं होगा। बजट सत्र में लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न चार बजे से रात नौ बजे तक चलेगी जबकि राज्यसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे से दो बजे तक चलेगी।
लोकसभा सचिवालय के अनुसार एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 बजे वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करेंगी। अगले दिन दो फरवरी से लेकर आठ अप्रैल तक दोनों सदनों की कार्यवाही अपनी अपनी पालियों में चलेगी। संसद के बजट सत्र के दौरान इस बार प्रश्नकाल और शून्यकाल भी होंगे तथा सासंदों को बजट के सारांश और आर्थिक सर्वेक्षण की डिजिटल प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। इस बार कागज का प्रयोग शून्य रहेगा। लाेकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक शनिवार 30 जनवरी को होगी।
सचिवालय के अनुसार कोरोना महामारी के कारण इस बार संसद के बजट सत्र में पिछले सत्र की तरह ही तमाम दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर व्यापक व्यवस्था की गयी है। सदस्यों के लिए दोनों सदनों के साथ केन्द्रीय कक्ष में बैठने व्यवस्था की गई है। सभी सदस्यों, संसद कर्मियों और मीडिया कर्मियों के लिए कोविड जांच की व्यवस्था 27 और 28 तारीख को संसद भवन परिसर में की गयी। साथ ही सासंदों को उनके आवास के पास भी ऐसी जांच सुविधा मुहैया करवाई गयी है। सासंदों के परिवार वालों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य नहीं है लेकिन ऐसा करने की सलाह दी गई है। राज्य सरकारों से भी कहा गया है कि वह संबंधित सांसदों के कोविड-19 जांच की व्यवस्था सुनिश्चित करें। (वार्ता)


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