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Dainik Vishwamitra

शनिवार ११ मई २०२४

उत्तराखंड में कुदरत का कहर, ग्लेशियर टूटा, पहाड़ नदी में गिरा




देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है। रेणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से भारी जानमाल के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। हरिद्वार, ऋषिकेश समेत पड़ोसी राज्यों में भी अलर्ट जारी किया गया है।  राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौके पर पहुंच गए हैं और हालात पर नजर रखते हुए एक के बाद एक ट्वीट कर जानकारी दे रहे हैं।
उधर, इस सबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं उत्तराखंड की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा हूं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहा हूं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव और राहत कार्यों पर अपडेट ले रहा हूं।"
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा  कि इस कठिन समय में मोदी सरकार उत्तराखंड की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। NDRF, ITBP और SDRF की टीमें वहां पहुंच गई हैं, वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा गया है। देवभूमि में जानमाल का नुकसान कम से कम हो और वहाँ की स्थिति यथाशीघ्र सामान्य हो यह हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले ट्विट कर बताया कि चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है। ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान ना दें । सरकार सभी ज़रूरी कदम उठा रही है।
एक और ट्विट कर कर कहा कि एतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को खाली करवा दिया है। SDRF अलर्ट पर है। मेरी आपसे विनती है अफवाहें न फैलाएं। सरकारी प्रमाणिक सूचनाओं पर ही ध्यान दें। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं।
एक और ट्विट कर कर कहा कि चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है।
एक और ट्विट कर कर कहा कि चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है। कर्णप्रयाग में आज ३ बज कर १० मिनट पर नदी में पानी की बहाव की स्थिति से साफ़ है कि बाढ़ की सम्भावना बहुत ही कम है। हमारा विशेष ध्यान सुरंगों में फँसे श्रमिकों को बचाने में है और हम सभी प्रयास कर रहे हैं। किसी भी समस्या से निपटने के सभी ज़रूरी प्रयास कर लिए गये हैं।
उधर चमोली पुलिक ने कहा कि जनमानस को सूचित किया जाता है कि तपोवन रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को क्षति पहुँची है,जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है,ज़िस कारण अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है कि  अतिशीघ्र सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।


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