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Dainik Vishwamitra

शनिवार ११ मई २०२४

इसरो ने लॉन्च किया PSLV-C51, अंतरिक्ष में श्रीमद्भगवद गीता भी भेजा




 

नई दिल्ली। इसरो ने आज एक और उपलब्धि हासिल की है। इसने आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C51 को लॉन्च किया। यह देश में इस तरह का पहला स्पेस मिशन है। यह अपने साथ ब्राजील के सैटेलाइट एमेजोनिया-1 समेत 18 अन्य उपग्रह लेकर गया है। इनमें अमेरिका के 13 सैटेलाइट हैं। इस लॉन्‍च की खास बात यह है कि इसके साथ श्रीमद्भगवद गीता भी अंतरिक्ष में भेजी गई है।
इसके साथ ही भारत की ओर से भेजे गए विदेश सैटेलाइटों की संख्या 342 पहुंच गई है। इस रॉकेट के उड़ान की समय सीमा 1 घंटा, 55 मिनट और 7 सेकंड की थी। ब्राजील का उपग्रह अमेजोनिया-1 अमेजन में जंगलों की कटाई पर नजर रखेगा। लॉन्चिंग से कुछ समय पहले इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा था कि पीएसएलवी-सी51 (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) हमारे लिए विशेष है।


टैकनोलजी

  • चंद्रयान 3: लैंडर विक्रम ने किया लिफ्ट ऑफ, इसरो चांद पर इंसान को भेज सकेगा ISRO! मिली बड़ी सफलता

    नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को एक और बड़ी सफलता मिली है। चंद्रयान-3 के तहत चांद पर उतारे गए लैंडर विक्रम ने कमांड पर अपना इंजन ऊपर उठाया और कुछ दूरी पर सफलतापूर्वक लैंड कर लिया। ऐसे में, चांद पर इंसान भेजने की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है।

  • बिजली गुल होने से नासा के स्टेशनों का संपर्क टूटा, 1 घंटे तक प्रभावित

    ह्यूसटन। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन नासा के कंट्रोल सेंटर और मिशन स्टेशन के बीच संचार कार्य बंद हो गया था। इससे नासा को बैकअप प्रणाली का सहारा लेना पड़ा, जो पहली बार हुआ। ह्यूस्टन में स्थित नासा की इमारत में अचानक बिजली की खराबी से एक तेज़ भूकंप महसूस हुआ था। बिजली के चले जाने से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और मिशन स्टेशन के बीच का संचार बंद हो गया था।

  • मेट्रो ने रचा इतिहास, देश में पहली बार नदी के नीचे दौड़ी ट्रेन

    कोलकाता। मेट्रो ने कोलकाता में इतिहास रच दिया। भारत में पहली बार किसी मेट्रो ने नदी के नीचे रफ्तार भरी है। यह ट्रायल रन हावड़ा से कोलकाता में एस्प्लेनेड तक हुआ। कोलकाता मेट्रो के महाप्रबंधक पी उदय कुमार रेड्डी ने इस दौड़ को कोलकाता शहर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कहा कि यह पहली बार है कि एक ट्रेन हुगली नदी के नीचे चली है। यह 33 मीटर की गहराई पर सबसे गहरा स्टेशन भी है।