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Dainik Vishwamitra

शनिवार ११ मई २०२४

पीएम ने इंदौरवासियों को सराहा, कहा - सरकार की मंशा शहरों को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त कराने की



नयी दिल्ली/ इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के इंदौर में बने एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट 'गोबर-धन' का लोकार्पण करते हुए कहा कि इंदौर जिले का नाम आते ही स्वच्छता मन में आती है. उन्होंने इंदौर के लोगों की जमकर तारीफ की औऱ कहा कि इंदौर के लोग जितने अच्छे हैं, उन्होंने इंदौर को उतना ही अच्छा बनाया है जितना वे हैं। गोबर-धन कचरे से कंचन बनाने का अभियान है और सरकार की मंशा अगले दो से तीन साल में शहरों को 'कूड़े के पहाड़ों' से मुक्त बनाने की है।
श्री मोदी ने इस प्लांट का वर्चुअली लोकार्पण करते हुए इंदौरवासियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कचरे का ऐसा निष्पादन किसी भी शहर के निवासियों की मेहनत के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर ये संयंत्र लगाया गया है, कुछ साल पहले उसकी पहचान सिर्फ कूड़े के पहाड़ के तौर पर थी। इंदौर नगर निगम ने इस डंपिंग साइट को कड़ी मेहनत से ग्रीन जोन में बदल दिया।
उन्होंने कहा कि अगले दो साल में देश के 75 बड़े नगरीय निकायों में ऐसा संयंत्र बनाने का काम किया जाएगा। ये प्रयास शहरों को स्वच्छ बनाने और क्लीन एनर्जी देने में मददगार साबित होंगे। गांवों में भी बड़ी संख्या में गोबर धन बायो गैस प्लांट बनाए जा रहे हैं। ऐसे में न केवल गोबर से अतिरिक्त आय होगी, बल्कि बेसहारा पशुओं की समस्या भी कम होने लगेगी।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान अपना विजन पेश करते हुए कहा कि पिछले सात साल में सरकार की कोशिश हर समस्या के स्थाई समाधान देने की है। स्वच्छ भारत अभियान इसका उदाहरण है। इस अभियान से रोग नियंत्रण के साथ शहरों की सुदंरता बढ़ी है।
उन्होंने इस अभियान के अगले चरण का जिक्र करते हुए कहा कि अब फोकस कचरे के निस्तारण पर है। देश के शहरों को अगले दो से तीन साल में कूड़े के पहाड़ों से मुक्त कराना सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए राज्य सरकारों को हरसंभव मदद भी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि इससे शहरों में पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 के पहले देश में 'इथेनॉल ब्लेंडिंग' बहुत कम थी, जो अब कई गुना बढ़ गई है। इससे गन्ना किसानों को काफी मदद मिली है।
इसी दौरान उन्होंने प्रदूषण का कारण बनती पराली का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस बजट में सरकार ने फैसला किया है कि कोयले से चलने वाले बिजली कारखानों में पराली का उपयोग होगा, जिससे किसानों को पराली जलाने से निजात मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश 'अन्नदाता को ऊर्जादाता' बनाने की है। सरकार ने 'ग्रीन और क्लीन फ्यूचर' के बड़े लक्ष्य तय किए हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक भी वर्चुअली जुड़े। इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट समेत अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।


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