बंगाल में यास ने मचाई तबाही, हल्दिया में पुल टूटा, ओडिशा में लैंडफाल, एनडीआरएफ का राहत एवं बचाव कार्य जारी
कोलकाता। चक्रवात यास ने बंगाल एवं ओडिशा दोनों को प्रभावित किया है। खासकर बंगाल पर इसका काफी असर पड़ा है। सबसे ज्यादा प्रभावित पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों की 28 और 29 मई को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हवाई निरीक्षण करेंगी। इसके साथ ही वह हिंगलगंज, सागर और दीघा का दौरा भी करेंगी। मुख्यमंत्री ममता सागर और दीघा में प्रशासनिक बैठक भी करेंगी। उधर, ओडिशा में लैंडफॉल हुआ है। सूत्रों के अनुसार 'यास' ने बालासोर के दक्षिण में उत्तर ओडिशा तट को पार कर लिया है।
उधर, भीषण चक्रवाती तूफान यास के कारण बुधवार को हुयी बारिश के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में राहत एवं बचाव अभियान को तेज कर दिया है।
एडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि बल की कुल 133 टीमें राहत एवं बचाव कार्यों के लिए पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार में तैनात की गयी हैं जो अब तक चक्रवात को लेकर तैयार की गयी टीमों की सर्वाधिक संख्या है।
अधिकारियों ने बताया कि सभी टीमें राज्य और जिला प्रशासन के समन्वय से चक्रवात के बाद लगातार राहत एवं बचाव कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा, “चक्रवात के कारण बारिश होने से निचले इलाकों में पानी भर गया है। ओडिशा में भारी बारिश के कारण घर ढहने से एक शिशु सहित परिवार के तीन अन्य सदस्य फंस गए, जिन्हें एनडीआरएफ ने सुरक्षित निकाला।” इसके अलावा पश्चिम बंगाल में फंसे सैकड़ों लोगों को भी बचाया गया, जबकि तीन लोगों को भी डूबने से बचाया गया। एनडीआरएफ ने दोनों राज्यों में स्थानीय प्रशासन के सहयोग से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
एनडीआरएफ के महानिदेशक सत्य नारायण प्रधान ने लोगों से स्थिति सामान होने तक आवागम करने से गुरेज करने तथा अपने घर लौटते समय एहतियात बरतने की अपील की है। उन्होंने बताया कि चक्रवात के कारण काफी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। एडीआरएफ की टीमें उन्हें सड़कों से हटा रही है तथा संचार व्यवस्था को बहाल कर रही है। बचावकर्मी प्रभावित इलाकों में सामान्य स्थिति करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।