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Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

संप्रभुता की रक्षा के लिए देश कोई भी बलिदान देने को तैयार: राजनाथ


नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रही तनातनी के बीच आज स्पष्ट रूप से कहा कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन साथ ही वह अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए भी पूरी तरह से तैयार है चाहे इसके लिए कोई भी बलिदान देना पड़े।
राष्ट्रीय रक्षा कालेज की हीरक जयंती पर आयोजित वेबिनार में देश और विदेश के जाने माने सामरिक, सुरक्षा , विदेश नीति विशेषज्ञों और सैन्य तथा प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष मुख्य भाषण देते हुए श्री सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध के परिप्रेक्ष्य में कहा कि पिछले कुछ समय से भारत को अपनी सीमाओं पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा, “ भारत शांति प्रिय देश है। हमारा मानना है कि मतभेदों को विवादों में नहीं बदलने देना चाहिए। हम बातचीत के जरिये मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान को महत्व देते हैं। लेकिन एकतरफा कार्रवाई और हमले की स्थिति में वह अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार है चाहे इसके लिए कोई भी बलिदान देना पड़े। ”
रक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों की यात्रा में आये उतार और चढाव से हमने सबसे बुनियादी सबक यही सीखा है कि केवल शांति की इच्छा से शांति हासिल नहीं की जा सकती किन्तु शांति सुनिश्चित करने के लिए युद्ध के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पैदा करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि भारत ने क्षमता विकास और स्वदेशीकरण की दीर्घावधि नीति तैयार कर यह प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि भारत ने क्षेत्र में और उसके बाहर साझा हितों के लिए समान विचार वाले देशों के साथ संबंध बनाये हैं और साझेदारी की है। इस संदर्भ में उन्होंने आस्ट्रेलिया , जापान और अमेरिका तथा रूस जैसे देशों के साथ भारत के संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ हमारी सामरिक साझेदारी पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है। भारत के रूस के साथ भी मजबूत पारंपरिक और गहरे संबंध हैं और दोनों देशों ने अतीत में कई चुनौतियों का मिलकर सामना किया है। भारत और आस्ट्रेलिया के भी साझा मूल्य और समान चिंता हैं। गत जून में दोनों देशों के बीच वर्चुअल सम्मेलन से व्यापक सामरिक साझेदारी और मजबूत हुई है।


भारत

  • "महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस, फडणवीस और शिंदे की दौड़ में मुकाबला तेज"

    मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है

  • महाराष्ट्र में महायुति की सुनामी, झारखंड में फिर से झामुमो सरकार

    रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.

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    महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.