बादलों का कहर : किश्तवाड़, अमरनाथ गुफा और हिमाचल में बादल फटा; 13 की मौत, 40 लापता
नई दिल्ली/हिमाचल/जम्मू-कश्मीर। हिमाचल एवं जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से काफी तबाही हुई है। बादल फटने और लैंडस्लाइड से 13 लोगों की मौत हो गई है और 40 लापता हैं। जम्मू कश्मीर में किश्तवाड़ के होंजर डच्चन गांव में बादल फटने से 4 लोगों की मौत हो गई। अब तक 17 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। 30 से 40 लोग अब भी लापता हैं। खराब मौसम की वजह से बचाव के लिए पुलिस और सेना के जवानों को मौके पर पहुंचने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। घायलों को एयरलिफ्ट करने के लिए एयरफोर्स की भी मदद ली जा रही है।
श्रीनगर, 28 जुलाई (वार्ता) जम्मू-कश्मीर में हिमालय पर्वत स्थित अमरनाथ गुफा के पास बुधवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई।
अमरनाथ गुफा के पास आज बादल फटने की घटना में किसी के हताहत होने या किसी संपत्ति के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आज अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। उन्होंने कहा, “अचानक आई बाढ़ से जान-माल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।”
इस बीच, सुरक्षा बलों, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) और अन्य विभागों के टेंट को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
बांदीपोरा में बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ आने से घर, मस्जिद क्षतिग्रस्त
श्रीनगर, 28 जुलाई (वार्ता) उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा में बुधवार को भारी बारिश और बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में एक घर और मस्जिद आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए।
इस बीच, एक फुटब्रिज बह गया, जबकि अचानक आई बाढ़ से कई बाग और धान के खेतों में फसलें खराब हो गयीं। बांदीपोरा के अलोसा में हालांकि किसी के हताहत होने कोई रिपोर्ट नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आलोसा की ऊंची चोटियों पर बादल फटने और भारी बारिश के कारण चाचिनार सहित कुछ गांवों के इलाके में बाढ़ आ गयी। अचानक आयी बाढ़ के कारण एक आवासीय घर और मस्जिद आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो गया। जबकि कई घर बाढ़ के पानी में डूब गये।
उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है क्योंकि पिछले एक घंटे से अधिक समय के दौरान जल स्तर थोड़ा कम हो गया है। प्रशासन ने 30 जुलाई तक और बारिश के पूर्वानुमान के मद्देनजर एहतियात के तौर पर लोगों से जलाशयों के पास नहीं जाने की अपील की है।
स्थानीय लोगों ने कहा अचानक आयी बाढ़ से एक फुटब्रिज बह गया है जबकि कई बाग और धान के खेतों को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, “ हम मांग करते हैं कि प्रशासन प्रभावित गांवों में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए अधिकारियों को भेजे और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा प्रदान करे।”
उधर, केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख के सीमावर्ती जिले कारगिल में दो जगह बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ से एक पनबिजली परियोजना और कुछ आवासीय मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये। उन्होंने बताया कि कारगिल शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप स्थित खंगराली गांव में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के कारण कुछ आवासीय मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये।
सूत्रों ने बताया कि बाढ़ आने पर लोग पहाड़ों पर चले गये और जलस्तर कम होने पर वापस अपने-अपने घरों में लौट आये। बादल फटने की दूसरी घटना कारगिल शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर कारगिल-जांस्कर रोड पर स्थित सांगरा में हुई। सांगरा में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ से एक मिनी पनबिजली परियोजना आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई। सूत्रों ने बताया कि दोनों इलाकों में इस दौरान किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।