हर बड़ा निवेशक यूपी में निवेश को इच्छुक: योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लंबे समय तक सत्ता में काबिज रही गैर भाजपा दलों की सरकारों की सोच ने उत्तर प्रदेश को पिछड़ेपन का शिकार बनाया वहीं बीते साढ़े चार सालों में सुशासन और विकास के मामले में यह राज्य देश की पहचान बन चुका है और हर बड़ा निवेशक यहां निवेश की इच्छा जाहिर कर रहा है।
श्री योगी ने अपनी सरकार के साढ़े चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर रविवार को लोकभवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सूबे की सत्ता पर लंबे समय तक काबिज रहीं सरकारों की सोच में कमी ने उत्तर प्रदेश को पिछड़ेपन की ओर ढकेला जबकि आज सुशासन और विकास इस राज्य की नई पहचान है।
करीब 38 मिनट के संबोधन में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुये उन्होने कहा कि उनकी सरकार के साढ़े चार वर्षों में साढ़े चार लाख युवाओं को नौकरी दी गई है। रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के कारण इन साढ़े चार वर्षों में जहां प्रदेश की बेरोजगारी दर 17.5 से घटकर पिछली मार्च में 4.1 प्रतिशत रह गई, वहीं यूपी इंवेस्टर समिट में प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों में से तीन लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को मूर्तरुप दिया गया है। और अब तो विदेशी कंपनियां चीन के बजाए यूपी में अपना उद्योग लगा रही हैं। नए भारत के नए यूपी में बीते साढ़े चार वर्षों में यह बदलाव हुआ है। इस नए यूपी में देश और विदेश का हर बड़ा निवेशक निवेश करने को इच्छुक है।
इस अवसर पर सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के लेखा-जोखा को लेकर तैयार की गई पुस्तिका का विमोचन भी मुख्यमंत्री ने किया। इस पुस्तिका में सूबे की अर्थ व्यवस्था में हुए सुधार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी भी है। जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा है, “आज उत्तर प्रदेश पूरे देश का नेतृत्व कर रहा है। इसके पीछे साढ़े चार वर्षों के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वह परिश्रम है, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से बाहर लाने के लिए दिन रात मेहनत की और वह रिफार्म के जरिए परफार्म करते हुए उत्तर प्रदेश को ट्रांसफ़ार्म करने के अपने मिशन में सफल रहे।”
कुछ ऐसी ही बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विगत 19 मार्च को प्रदेश सरकार के चार वर्ष पूरा होने पर कही थी। तब उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने पूर्ववर्ती व्यवस्था में रिफार्म करके, परफॉर्म करते हुए ट्रांसफॉर्म किया है। जिसके चलते प्रदेश बीमारू छवि से उतरते हुए समर्थ राज्य के रूप में उभर रहा है। आज भी उन्होंने कुछ अलग तरीके से अपने इस कथन को दोहराया।
उन्होंने कहा, आज उनकी सरकार साढ़े चार वर्ष पूर्ण कर रही है। मात्र साढ़े चार वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। वर्ष 2015-16 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठवें स्थान पर थी। विगत साढ़े चार वर्ष में प्रतिव्यक्ति में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय दुगनी हुई है। सरकार की उपलब्धियों से संबंधित जिस पुस्तिका का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया है, उसमें लिखा गया है, प्रदेश सरकार ने दूरदर्शी योजनाएं तैयार कर उन्हें धरातल पर उतारा। इससे उत्तर प्रदेश कुचक्रों के जाल से उबरकर विकास की ओर अग्रसर हो गया। फलस्वरूप बीते 54 माह में राज्य के माथे से बीमारू राज्य का धब्बा हट गया और समृद्धिशीलता का टीका लग गया है।
उन्होंने कहा कि यह वही उत्तर प्रदेश है, जहां कोई भी पर्व-त्योहार शांतिपूर्ण सम्पन्न नहीं हो पाता था लेकिन आज बीते चार साल में एक भी दंगा नहीं हुआ। सूबे की क़ानून व्यवस्था सुधरी है। आज निवेशकों को भय नहीं है। इसलिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी नम्बर दूसरे पर है। सिविल एविएशन के क्षेत्र में यूपी की उन्नति देखने लायक है। बिना किसी की पैरवी के प्रदेश में चार साल में साढ़े चार लाख युवाओं को ईमानदारी से सरकारी नौकरी मिली है। पहले जब सरकारी नौकरी की भर्ती निकलती थी तो वसूली के लिए पूरा खानदान निकल पड़ता था। अब केवल मेरिट और मेधा के आधार पर लोग नौकरी पा रहे हैं। पहले लोग लोग भूख से मरते थे, अब लोगों को राशन मिल रहा। कोविड काल में 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम किसान योजना हो, स्वच्छ भारत मिशन हो, उज्ज्वला, फसल सिंचाई अथवा, फसल बीमा योजना हो उत्तर प्रदेश सभी में शीर्ष स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश केंद्र सरकार की 44 जनकल्याणकारी योजनाओं में पहले स्थान पर है। किसान से लेकर नौजवान सभी के हितों का सरकार ध्यान रख रही है। यह दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, डीबीटी के माध्यम से पांच लाख करोड़ रुपए सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजे गए। जिस यूपी में पिछली सरकारें चीनी मिलों को औने-पौने दाम पर बेच रहीं थीं आज वहां नई चीनी मिलें भी खुल रही हैं। गन्ना किसानों का बकाया अब उत्तर प्रदेश में नहीं रहता। गन्ना किसानों को अब तक 1.43 लाख करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। यह सब कार्य करते हुए हम प्रदेश की छवि में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल हुए हैं। सरकार के ऐसे ही प्रयासों के चलते कोरोना काल में ही देश की पहली मोबाइल डिस्प्ले यूनिट यूपी में लगी और चीन से कारोबार खत्म कर भारत आई इस कम्पनी के भारत में यूपी को चुना।
उन्होने कहा कि यह नया उत्तर प्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बन गया है और अब देश तथा विदेश का हर बड़ा निवेशक यूपी में निवेश करने को इच्छुक है।