वाराणसी में लगभग पूरा हुआ बाबा विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार कार्य
वाराणसी। उत्तर प्रदेश की प्राचीन धार्मिक नगरी वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के पौराणिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत को विश्व फलक पर नये तरीके से पेश करने के लिये बीते लगभग दो साल से जारी पुनरुद्धार कार्य लगभग पूरा हो गया है। इसके साथ ही धार्मिक एवं राष्ट्रीयता का प्रतीक बनने जा रहे ‘श्री काशी विश्वनाथ धाम’ का परिसर नये कलेवर में अपनी छठा से दुनिया को आकर्षित करने के लिये तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 13 दिसंबर को वाराणसी यात्रा के दौरान काशी विश्वनाथ काॅरीडोर के साथ मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार कार्य के संपन्न होने के बाद इस सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार काशी में अब गंगा और बाबा विश्वनाथ के मध्य राष्ट्रीयता का प्रतीक भी दिखाई देगा। जो दुनिया में काशी को नई पहचान देगा।
इसके तहत काशी विश्वनाथ धाम में रानी अहिल्याबाई, भारत माता, कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्तियां भी स्थापित की गयी हैं। प्रधानमंत्री मोदी दिसंबर में शिव भक्तों को विश्वनाथ धाम की सौगात देंगे। इस परियोजना के पूरा होने के बाद अब विश्वनाथ धाम के विकास,विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण से तीर्थयात्रियों के लिये दर्शन सुगम और सरल होंगे।
गौरतलब है कि मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का आठ मार्च 2019 को शिलान्यास किया था। जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने नेतृत्व में रिकॉर्ड समय में पूरा करने में सफल रहे हैं। मंदिर परिसर में बाबा भोले नाथ के दरबार और अविरल निर्मल गंगा के मध्य राष्ट्रीयता की प्रतीक भारत माता की मूर्ति भी दिखेगी। साथ ही कार्तिकेय और आदि शंकराचार्य की मूर्ति भी काशी विश्वनाथ धाम के भव्य प्रांगण में स्थापित की जा रही है।
यही नहीं 1669 में बाबा के दरबार का पुनरोद्धार कराने वाली इंदौर की होल्कर महारानी अहिल्याबाई की मूर्ति भी विश्वनाथ धाम में स्थापित होगी। रानी अहिल्याबाई के बाद 352 सालों के अंतराल पर काशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप देने का काम वाराणसी के सांसद के रूप में प्रधानमंत्री मोदी ने शुरु कराया था।
इस परियोजना के तहत 50,200 वर्ग मीटर जगह में 339 करोड़ रूपये की लागत से भव्य आनंद वन का निर्माण हो रहा है। सुरक्षा, संग्रहालय, सुविधा केन्द्र, बनारस गैलरी, मुमुक्ष भवन, वैदिक केंद्र और बहुद्देशीय सभागार इस परियोजना के हिस्सा हैं।
इसके अलावा इसमें धार्मिक पुस्तकों के बिक्री केन्द्र, यात्री सुविधा केंद्र, भोगशाला और अतिथि गृह सहित कुल 24 भवनों का भी इस परियोजना में निर्माण हो रहा है। जिससे दुनिया भर से आने वाले शिव भक्तों को श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन,जप-तप करने में सुरक्षा, सुविधा, सुगमता और स्वच्छ वातावरण मिल सकेगा।