भारत- रूस ने किये 28 अभूतपूर्व समझौते, पुतिन ने कहा - भारत एक महान एवं घनिष्ट मित्र देश
नयी दिल्ली। भारत-रूस ने एक नया कदम उठाया है।अपने पहले टू प्लस टू संवाद और 21वीं वार्षिक शिखर बैठक में अपनी विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझीदारी को अगले एक दशक में नयी ऊंचाइयों तक ले जाने के संकल्प के साथ 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किये, जिनमें भारत रूस सैन्य एवं तकनीकी सहयोग समझौते के दस वर्ष के विस्तार संबंधी करार शामिल है।
हालांकि हिन्द प्रशांत क्षेत्र और अमेरिका के इरादों को लेकर रूसी नेतृत्व ने अपने पक्ष को भी खुल कर रखा। भारत ने भी एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली की आपूर्ति को लेकर अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरों को नज़रअंदाज किया। 21वीं शिखर बैठक के बाद दोनों देशों ने “भारत-रूस: शांति, प्रगति एवं समृद्धि की साझीदारी” शीर्षक से एक 99 सूत्रीय संयुक्त बयान जारी किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो वर्षों में दूसरी बार अपने देश के बाहर यात्रा पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया। श्री मोदी ने द्विपक्षीय बैठक में प्रारंभिक वक्तव्य में भारत और रूस की मित्रता को बेमिसाल बताते हुये कहा कि दोनों देशों के विशिष्ट रणनीतिक संबंधों में निरंतर मजबूती ही आयी है। श्री मोदी ने कहा, “कोविड के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारत-रूस संबंधों में विस्तार की रफ्तार में फर्क नहीं आया है। हमारी विशेष और विशिष्ट रणनीतिक भागीदारी निरंतर मजबूत हो रही है।”
श्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दशक से दुनिया में बहुत से बुनियादी बदलाव आये और दुनिया ने अनेक प्रकार के भू-राजनैतिक समीकरणों को बनते-बिगड़ते देखा, लेकिन भारत और रूस की मित्रता बराबर बनी रही। श्री मोदी ने कहा कि भारत और रूस की मित्रता सचमुच अनूठी है और दो देशों की सरकारों के बीच संबंधों का विश्वसनीय मॉडल है।
श्री पुतिन ने भी अपने आरंभिक वक्तव्य में कहा, “ हम भारत को एक महान ताकत, मित्र देश और समय की कसौटी पर खरे उतरे एक साथी और एक घनिष्ठ मित्र के रूप में देखते हैं। दोनों देशों के संबंधों में विस्तार हो रहा है और मैं इसके भविष्य की ओर देख रहा हूं।” उन्होंने कहा कि इस समय दोनों देशों के बीच परस्पर निवेश करीब 38 अरब डॉलर का है। रूस की तरफ से कुछ और निवेश आने वाला है।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा,“ हम सैन्य और तकनीक के क्षेत्र में जिस तरह का सहयोग करते हैं, वैसा कोई नहीं करता है। हम मिलकर उच्च प्रौद्योगिकी का विकास करते हैं साथ-साथ भारत में विनिर्माण भी करते हैं।” आतंकवाद की समस्या को भी उन्होंने अपने वक्तव्य में उठाया। उन्होंने कहा,“ यह स्वाभाविक है कि हम आतंकवाद से जुड़ी हर बात को लेकर चिंतित है। आतंकवाद से लड़ाई, मादक द्रव्यों की तस्करी और संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई भी है। इस संबंध में हम अफगानिस्तान की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं।”