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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १७ मई २०२४

भारत की सांस्कृतिक विरासत और विकास यात्रा का दुनिया को काशी ने कराया दीदार




वाराणसी। वाराणसी में सोमवार को दुनिया ने भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक चेतना के उन्नयन को अतीत एवं वर्तमान की विकास यात्रा से जोड़ते हुये काशी विश्वनाथ के मंच से अलौकित रूप में देखा।
अवसर था, काशी विश्वनाथ धाम परिसर के लोकार्पण का और मकसद था, भारत की सनातन संस्कृति को अतीत, वर्तमान एवं भविष्य के दृष्टिकोंण से समाहित कर विश्व फलक पर पेश करने का। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर की सार्थकता को सिद्ध करते हुये वाराणसी में गंगा स्नान से लेकर गंगा आरती तक, एक सधे हुये साधक की भूमिका का बखूबी निर्वाह किया। सदानीरा मां गंगा का जल अपनी अंजली में लेकर भगवान विश्वनाथ का जलाभिषेक कर माेदी ने इस आयोजन की भव्यता को उत्कर्ष पर पहुंचा दिया।
काशी विश्वनाथ धाम परिसर के लोकार्पण समारोह को पूर्णता की ओर ले जाने का काम प्रधानमंत्री मोदी के ओजस्वी उद्बोधन ने कर दिया। मोदी ने अपने संबोधन में काशी के महात्म्य और आधुनिक भारत की विकास यात्रा में काशी विश्वनाथ धाम परिसर के योगदान का विस्तार से जिक्र किया।
उन्होंने नये स्वरूप में निर्मित काशी विश्वनाथ धाम परिसर को भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताते हुये कहा कि आने वाले समय में यह देश की विकास यात्रा को भी विश्व पटल पर प्रस्तुत करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, भारत को एक निर्णायक दिशा देगा, एक उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएगा। ये परिसर, साक्षी है हमारे सामर्थ्य का, हमारे कर्तव्य का।”


भारत

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