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Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

राहुल का रुख देख ढीले पड़े हरीश रावत के तेवर




नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के दिल्ली तलब करने के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के तेवर ढीले पड़ गए हैं और पार्टी नेतृत्व की आलोचना को अब पीड़ा कि अभिव्यक्ति बताते हुए उसे पार्टी हित मे दिया बयान बता रहे है।
श्री गांधी ने हरीश रावत तथा उत्तराखंड के अन्य बड़े कांग्रेस नेताओं को शुक्रवार को दिल्ली अपने आवास पर तलब कर हर नेता से अलग अलग बात की। इस क्रम में सबसे पहले हरीश रावत को अंदर बुलाया और उन्हें कड़ा संदेश दिया की वहां पार्टी की जीत को सुनिश्चित करने में ही सबका हित है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के रुख को देखते हुए हरीश रावत के तेवर ढीले पड़ गए और उन्होंने आज कहा कि अपनी पीड़ा व्यक्त कर उन्होंने पार्टी के हित को साधने का काम किया है।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि श्री गांधी ने असम से लेकर पंजाब तक श्री रावत की भूमिका का हवाला देते हुए उन्हें तीखे अंदाज में कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस को हर हाल में जिताना है इसलिए किसी भी तरह बगावत बर्दाश्त नहीं कि जाएगी।
गौरतलब है के दो दिन पहले श्री रावत का जैसे ही विरोधी स्वर गूंजा तो कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्हें तत्काल फोन किया। उसके बाद श्री गांधी ने उन्हें तलब किया। कांग्रेस नेतृत्व की तत्परता को देखते हुए श्री रावत भी संकेत समझ गए।
श्री रावत के साथ जिन नेताओं को दिल्ली तलब किया गया उनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह पार्टी अध्यक्ष गणेश गोदियाल भाजपा से कांग्रेस में लौटे यशपाल आर्य सहित कई अन्य नेता शामिल थे। इस बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने श्री रावत पर टिप्पणी की है जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह में कांग्रेस छोड़ने की छटपटाहट है और मनीष तिवारी वही करते हैं जो कैप्टन अमरिंदर सिंह चाहते हैं।राहुल का रुख देख ढीले पड़े हरीश रावत के तेवर
नयी दिल्ली 25 दिसंबर (वार्ता) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के दिल्ली तलब करने के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के तेवर ढीले पड़ गए हैं और पार्टी नेतृत्व की आलोचना को अब पीड़ा कि अभिव्यक्ति बताते हुए उसे पार्टी हित मे दिया बयान बता रहे है।
श्री गांधी ने हरीश रावत तथा उत्तराखंड के अन्य बड़े कांग्रेस नेताओं को शुक्रवार को दिल्ली अपने आवास पर तलब कर हर नेता से अलग अलग बात की। इस क्रम में सबसे पहले हरीश रावत को अंदर बुलाया और उन्हें कड़ा संदेश दिया की वहां पार्टी की जीत को सुनिश्चित करने में ही सबका हित है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के रुख को देखते हुए हरीश रावत के तेवर ढीले पड़ गए और उन्होंने आज कहा कि अपनी पीड़ा व्यक्त कर उन्होंने पार्टी के हित को साधने का काम किया है।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि श्री गांधी ने असम से लेकर पंजाब तक श्री रावत की भूमिका का हवाला देते हुए उन्हें तीखे अंदाज में कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस को हर हाल में जिताना है इसलिए किसी भी तरह बगावत बर्दाश्त नहीं कि जाएगी।
गौरतलब है के दो दिन पहले श्री रावत का जैसे ही विरोधी स्वर गूंजा तो कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्हें तत्काल फोन किया। उसके बाद श्री गांधी ने उन्हें तलब किया। कांग्रेस नेतृत्व की तत्परता को देखते हुए श्री रावत भी संकेत समझ गए।
श्री रावत के साथ जिन नेताओं को दिल्ली तलब किया गया उनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह पार्टी अध्यक्ष गणेश गोदियाल भाजपा से कांग्रेस में लौटे यशपाल आर्य सहित कई अन्य नेता शामिल थे। इस बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने श्री रावत पर टिप्पणी की है जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह में कांग्रेस छोड़ने की छटपटाहट है और मनीष तिवारी वही करते हैं जो कैप्टन अमरिंदर सिंह चाहते हैं।


भारत

  • "महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस, फडणवीस और शिंदे की दौड़ में मुकाबला तेज"

    मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है

  • महाराष्ट्र में महायुति की सुनामी, झारखंड में फिर से झामुमो सरकार

    रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.

  • एग्जिट पोल में बीजेपी आगे! महाराष्ट्र में महायुति, तो झारखंड में एनडीए सरकार

    महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.