सोनिया बताएं, आखिर किस घटना का इंतजार कर रहे थे पंजाब के सीएम : शिवराज
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर एक चैनल के खुलासों के बाद आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल किया है कि घटना के समय प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी क्यों मौजूद नहीं थे और मुख्यमंत्री आखिरकार किस घटना का इंतजार कर रहे थे।
श्री चौहान ने स्थानीय मंत्रालय में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि एक राष्ट्रीय चैनल के इस बारे में कई खुलासों के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि ये पूरी घटना प्रायोजित थी। ये कोई संयोग नहीं, खूनी साजिश और षडयंत्र था।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये स्पष्ट हो चुका है कि पंजाब के आला अधिकारियों को रुकावट के बारे में जानकारी दी गई थी, पर उसे नजरअंदाज किया गया। ये सिद्ध करता है कि सुरक्षा में जो कुछ हुआ, वो लापरवाही नहीं, बल्कि मिलीभगत थी। सारा देश जब चिंतित था, कांग्रेस नेता प्रसन्न हो रहे थे। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्वीट में कहा कि पंजाब ने दिल जीत लिया, ये बयान किस तरफ इशारा करते हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल किया कि प्रधानमंत्री के साथ पांच जनवरी को जो घटना हुई, उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक उनके साथ क्यों नहीं थे। प्रधानमंत्री के दौरे में मुख्यमंत्री नहीं रहे, गाड़ियां खाली चलें, क्या ये संकेत नहीं करते कि इन्हें पता था कि क्या होने वाला है।
उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री के रूट की जानकारी किसने प्रदशर्नकारियों को दी, पुलिस की मौजूदगी के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में और इतने कम समय में प्रदर्शनकारी कैसे इकट्ठे हो गए। डीजीपी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम को गलत संदेश क्यों दिया।
उन्होंने सवाल किया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा का भी फोन क्यों नहीं उठा रहे थे। आखिर वे किस घटना का इंतजार कर रहे थे। इस पूरी साजिश के तार सीधे कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में जब तक चूक की ना जाए, तब तक चूक नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि वे स्वयं कई साल से मुख्यमंत्री हैं। केंद्र में कांग्रेस की सरकार के समय प्रधानमंत्री के कई दौरे हुए। उनके आने के एक सप्ताह पहले से लेकर जब तक विदाई नहीं हो जाती थी, वे स्वयं लगातार नजर रखते थे।