अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में आतंकवादी हमलों में कमी, सत्ता में जनभागीदारी बढ़ी: शाह
नयी दिल्ली । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था में गिरावट के दावे को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि पहले की तुलना में वहां आतंकवाद और वारदात में मौत में कमी दर्ज की गयी है।
श्री शाह जम्मू कश्मीर में ज़िला सुशासन सूचकांक का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद़घाटन कर रहे थे । इस अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 2019 में मोदी सरकार द्वारा उठाए गए परिवर्तनकारी कदमों से सत्ता में जनता की भागीदारी ग्राम स्तर पर हो रही है। पहले जिस कश्मीर में केवल 87 विधायक, छह सांसद और तीन परिवार ही सत्ता की हिस्सेदारी में होते थे, वहां आज ग्रामस्तर से लेकर राज्य तक 30 हज़ार से अधिक जनता के नुमाइंदे जनता की सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा , “ कुछ राजनीतिक पार्टियां आहत हैं क्योंकि उनके परिवार की गिरफ़्त में निकलकर जम्मू-कश्मीर में पंचायतीराज आया है। ऐसे लोग कहते हैं जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यहां क़ानून व्यवस्था बिगड़ी है। मैं इन लोगों को बताना चाहता हूं कि अप्रैल, 2017 से 2019 और 2019 से 2021 के काल का अगर तुलनातत्मक अध्य्यन करें तो आतंकवादी घटनाओं में 40 प्रतिशत की और मृत्यु में 57 प्रतिशत की कमी हुई है।”
उन्होंने कहा कि पंचायत अधिनियम के लागू होने के परिणाम आने वाले एक दशक में कश्मीर की जनता के सामने होंगे। जम्मू कश्मीर की अवाम के 30 हज़ार राजनीतिक प्रतिनिधि कश्मीर ज़िला सूचकांक के 116 डेटा आइटम और 58 सूचकांक इन्डेक्स के साथ कश्मीर का विकास सुनिश्चित करेंगे। ये बताता है कि शांति का नए सुधारों के साथ नहीं बल्कि प्रशासन के साथ मतलब है। जब जनता को अच्छा प्रशासन मिलता है तो वो अपने आप विकास की प्रक्रिया में हिस्सेदार बन जाती है। श्री शाह ने उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा की प्रशंसा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की सभी योजनाओं में आज जम्मू कश्मीर एक से पांच स्थान पर है।
श्री शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में रोज़ग़ार और पर्यटन सीधे रूप में जुड़े हैं, लेकिन पर्यटक ना आएं इसलिए विपक्ष ऐसे बयान देकर युवाओं को रोज़ग़ार से दूर रखने का षड्यंत्र चल रहा है उसे जम्मू-कश्मीर की जनता को भी जानना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘ जब मैं पिछली बार जम्मू-कश्मीर आया था तो यहां के युवाओं से कहा था कि आप विकास में हिस्सेदार बनिए। जम्मू कश्मीर में दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करने की संभावनाएं हैं, लेकिन जिस प्रकार के बयान जम्मू कश्मीर के कुछ नेता दे रहे हैं, वे नहीं चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर में पर्यटन बढ़े। मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि आपके बयानों से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा और जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष सर्दियों में रिकॉर्ड पर्यटक आए हैं और ये वृद्धि आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी। ”