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Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

श्रमिक हड़ताल से औद्योगिक गतिविधियां हुई प्रभावित



नई दिल्ली। केंद्र सरकार की कथित जनविरोधी, मजदूर विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ गुरुवार को देश भर के मजदूर संगठनों की हडताल में धरने , प्रदर्शन तथा रैलियों का आयोजन किया गया जिसके कारण बंगाल समेत कई स्थानों पर औद्योगिक गतिविधियों पर असर पड़ा। मजदूर संगठनों के समर्थन में किसान संगठन सड़कों पर उतर गए और जगह जगह सरकारी मशीनरी के साथ खींचातानी होती रही। हाल ही में लागू किए गए कृषि संबंधित इन कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तथा अन्य राज्यों के किसान "दिल्ली चलो" नारे के साथ दो दिन के विरोध प्रदर्शन पर है।
प्राप्त रिपाेर्टाें के अनुसार हड़ताल के कारण बैंकिंग, बीमा, खनन और अन्य विनिर्माण गतिविधियां लगभग ठप रही। झारखंड छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों की कोयला खदानों तथा अन्य खदानों में कामकाज नहीं हुआ। बैंकों के कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे और बीमा कर्मचारियों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया। एक अनुमान के अनुसार हड़ताल में 25 करोड से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया।
वाम समर्थित 10 केंद्रीय मजदूर संगठनों के आह्वान पर आयोजित इस हड़ताल में भारतीय जनता पार्टी समर्थक भारतीय मजदूर संघ शामिल नही हुआ क्योंकि मजदूर संघ ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। मजदूरों की हड़ताल में बैंक कर्मचारी भी शामिल रहे तथा विभिन्न सरकारी, निजी और कुछ विदेशी बैंकों के चार लाख कर्मचारियों ने केंद्रीय मजदूर संगठनों की इस एकदिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग लिया।
दस केंद्रीय मजदूर संगठनों में ‘इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर फार इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) शामिल है. इसके अलावा अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने भी हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। कुछ स्वतंत्र फेडरेशन व संगठन भी हडताल में शामिल रही। (एजेंसी)


भारत

  • "महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस, फडणवीस और शिंदे की दौड़ में मुकाबला तेज"

    मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है

  • महाराष्ट्र में महायुति की सुनामी, झारखंड में फिर से झामुमो सरकार

    रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.

  • एग्जिट पोल में बीजेपी आगे! महाराष्ट्र में महायुति, तो झारखंड में एनडीए सरकार

    महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.