अभिषेक के जन्मदिन पर बधाई का तांता, कार्यालय के बाहर हुई भारी भीड़ >>>>>>>>>>> >>> वातावरण बंगाल की खाड़ी में फिर से बनेगा निम्न दबाव, मौसम में बदलाव के आसार >>>>>>>>>>> >>> अब गंगा के नीचे कोलकाता से हावड़ा तक बनेगा सुरंग मार्ग, केंद्र सरकार ने बनाई योजना >>>>>>>>>>> >>> पोस्ता पूजा के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा "बंगाल को अपना घर बनाएं" >>>>>>>>>>> >>> अमित शाह की मौजूदगी में ‘भड़काऊ’ टिप्पणी के आरोप में मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज
Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

दिल्ली के तीनों निगमों को एक करने वाला बिल आज लोकसभा में होगा पेश




नई दिल्ली।  तीनों नगर निगमों को एक करने के लिए आज लोकसभा में बिल पेश होगा। सूत्रों के मुताबिक़ बिल में अन्य प्रावधानों के अलावा एकीकृत निगम में वार्डों के संख्या की अधिकतम सीमा तय की जा सकती है। इसके लिए बिल में वार्डों की सीमा और संख्या निर्धारित करने के लिए नए परिसीमन का भी प्रावधान किए जाने की संभावना है। ऐसे में अब निगम चुनाव फ़िलहाल टलते नज़र आ रहे हैं, क्योंकि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने में समय लग सकता है।

इसी हफ़्ते मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने बिल को मंज़ूरी दी थी. सूत्रों के मुताबिक़ बिल के उद्देश्यों में कहा गया है कि 2011 में क़ानून में बदलाव कर दिल्ली नगर निगम का बंटवारा कर उसे तीन भागों में बांटा गया था, जिसमें वार्डों की सीमाओं और तीनों निगमों में वित्तीय संसाधन जुटाने के मामले में बड़ी असमानता थी. इसके परिणामस्वरूप तीनों निगमों के संसाधनों और उनकी देनदारी के मामले में एक बड़ी खाई थी, जो लगातार बढ़ती ही चली गई. बिल के मुताबिक़, धीरे धीरे हालात इतने ख़राब होते चले गए कि निगमों के कार्यरत और रिटार्यड कर्मचारियों को वेतन देने में भी मुश्किलें आने लगीं. इसका असर दिल्ली में मिलने वाले नागरिक सुविधाओं पर भी पड़ने लगा था. 

अब जबकि निगम चुनाव का टलना तय होता जा रहा है तो दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच तनातनी भी बढ़ने लगी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल ही विधानसभा में इसे लेकर सीधे प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी उनकी छोटी सी पार्टी से डर गई. आने वाले दिनों में इस मसले पर तनातनी और बढ़ने की आशंका है.


भारत

  • "महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस, फडणवीस और शिंदे की दौड़ में मुकाबला तेज"

    मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है

  • महाराष्ट्र में महायुति की सुनामी, झारखंड में फिर से झामुमो सरकार

    रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.

  • एग्जिट पोल में बीजेपी आगे! महाराष्ट्र में महायुति, तो झारखंड में एनडीए सरकार

    महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.