नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पर कथित रूप से एक बड़े उद्यमी के इशारे पर लोकसभा
में सवाल पूछने पर उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ सांसद की ओर से जांच की मांग का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है और अडानी समूह ने एक बयान में इस घटनाक्रम को चौंकाने वाला बताया है।
उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने सोमवार को अहमदाबाद से जारी एक बयान में कहा कि इस घटनाक्रम से उसके नौ अक्टूबर के बयान की पुष्टि होती है कि कुछ समूह और व्यक्ति अडानी समूह की प्रतिष्ठा उसके नाम और बाजार में उसकी स्थिति को क्षति पहुंचाने के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं।
बयान में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के वकील जय अनंत देहराद्रि की ओर से केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)
के पास शिकायत देकर तृणमूल सांसद मोइत्रा के खिलाफ कहा है कि माननीय सांसद और हीरानंदानी समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दर्शन हीरानंदानी ने गौतम अडानी और उनकी कंपनियों के समूह पर निशाना साधने के लिए एक बड़ा आपराधिक षडयंत्र किया है।
अडानी समूह ने वकील की शिकायत के हवाले से कहा है कि सुश्री मोइत्रा को इसके लिए श्री हीरानंदानी से ‘घूस’ और अन्य फायदे मिले हैं। शिकायत में सुश्री मोइत्रा को निलंबित कर इस मामले की जांच की मांग की गयी है। अडानी समूह के प्रवक्ता ने कहा , “ समूह यह बयान अपने हितधारकों के हक में जारी कर रहा है जिसमें हमारे शेयरधारक भी शामिल हैं। ”
सुश्री मोइत्रा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अडानी समूह के बयान को ‘झूठा’ बताया है और पूछा है कि क्या यह समूह का सबसे अच्छा प्रयास है।
उन्होंने कहा , “ मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगी, जब तक कि राजस्व सतर्कता निदेशालय और सीबीआई कोयला आयात घोटाले में 13 हजार करोड़ रुपये की भारतीयों के साथ आपकी चोरी की जांच कर उसको जब्त न कर ले। ”
सुश्री मोइत्रा ने अडानी समूह के बयान को टैग करते हुए लिखा है , “ मुझे बताया गया है कि माननीय @नरेन्द्रमोदी आप और आपकी धोखाधड़ी के कामों से आजिज आ चुके हैं।”
इससे पहले भाजपा के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे ने इलेक्ट्रानिक्स और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव
को 15 अक्टूबर 2023 की तिथि के एक पत्र के माध्यम से सुश्री मोइत्रा के लोकसभा के लाॅगइन के रिकॉर्डों और उनके आईपी एड्रेस की जांच किये जाने की मांग की है। उन्होंने भी उच्चतम न्यायालय के वकील द्वारा सीबीआई में की गयी शिकायत और इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र का हवाला देते हुए श्री वैष्णव से कहा है कि सुश्री मोइत्रा के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने आपराधिक विश्वासघात ,संसदीय मर्यादाओं का हनन और देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने का काम किया है।
श्री दुबे का आरोप है कि यह मामला गंभीर है और इसमें “कैश फॉर क्वैरी” ( पैसा लेकर सवाल) प्रकरण की बू आती है जो कि 18 साल पहले सामने आया था।
उन्होंने श्री वैष्णव को लिखा है, “ मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप इस वर्तमान स्थिति को देखें और उपरोक्त सांसद के खिलाफ उन आराेपों पर कुछ प्रकाश डालें , जिनमें कहा गया है कि सांसद ने अनैतिक, गैरकानूनी और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ कार्य किया है। ”
सुश्री मोइत्रा श्री दुबे के इस पत्र को टैग करते हुए एक्स पर लिखा है कि सांसदों के सभी कार्य उनके निजी सचिवों, सहायकों , इन्टर्न और एक बड़ी टीम द्वारा किये जाते हैं। आदरणीय @अश्विनीवैष्णव कृपया सभी सांसदों के लोकेशन और लाॅगइन विवरण को जारी करें जिसमें सीडीआर भी हों। कृपया स्टाफ को लाॅगइन करने के लिए दिये जाने वाले प्रशिक्षण की जानकारी भी उपलब्ध करायें।
इससे पहले सुश्री मोइत्रा ने रविवार काे एक्स पर सांसद दुबे को लक्ष्य कर लिखा था ,“ मैं बेइमानी से कमाये अपने पूरे धन और उपहार का इस्तेमाल कर एक कालेज/विश्वविद्यालय खरीदने में इस्तेमाल कर रही हूं जिसमें ‘डिग्रीदुबे अंतत: सचमुच की एक डिग्री खरीद सके।”
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को टैग करते हुए कहा है कि पहले श्री दुबे के खिलाफ झूठे हलफनामे की जांच हो जाए, उसके बाद उनके मामले की जांच की जाए।
सुश्री मोइत्रा ने अडानी समूह के खिलाफ कई पोस्ट में कहा है कि वह एक और प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बतायें कि जब उसने विदेश से कोयले के आयात का मूल्य 13 हजार करोड़ रुपये बढ़ाकर दिखाने के लिए चीन और संयुक्त अरब अमीरात के दो नागरिकों और तीन विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल किया तो क्या वह राष्ट्रहित में था। उन्होंने अडानी समूह से यह भी पूछा है कि धामरा एलएनजी अनुबंध में जब उन्होंने इंडियन ऑयल और गेल के साथ 46 हजार पांच सौ रुपये की हेराफेरी की तो क्या वह राष्ट्रहित में था। उन्होंने अडानी समूह से यह भी पूछा है कि जब उन्होंने बिना निविदा के कोयला खान का पट्टा हासिल किया तो उनका राष्ट्रीय हित क्या था। उन्होंने कहा कि सेबी ने जब आपको बेनामी विदेशी पोर्टफोलियाे मामले में लाखों करोड़ रुपये की हेराफेरी की छूट दी तो उसमें राष्ट्रहित कहां गया।
उन्होंने एक अलग पोस्ट में कल सीबीआई से कहा था कि वह पहले अडानी समूह के विदेशों से आये बेनामी धन और आयात मूल्य ऊँचा दिखाने और बेनामी खातों की जांच कर ले तो उनके (सुश्री मोइत्रा) के खिलाफ जांच करे।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.