नयी दिल्ली 05 फरवरी कांग्रेस ने साेमवार को राज्यसभा में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का साफ्टवेयर सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि इसके प्रति आम जनता का भरोसा कम हो रहा है।
कांग्रेस के सदस्य दिग्विजय सिंह ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि ईवीएम के प्रति लोगों में भरोसा कम हाे रहा है। चुनाव आयोग ने 28 राजनीतिक दलों को मिलने का समय नहीं दिया। उन्होंने कहा कि देश में वोट डालने का मकसद खत्म हो रहा है।
उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग को ईवीएम का साफ्टवेयर सार्वजनिक करना चाहिए। वोटर यह अधिकार है। वीवीपैट स्लिप वोटर को दिया जाना चाहिए जो देखने के बाद बाक्स में डाला जा सकता है। इससे लोगों का ईवीएम पर लोगों का विश्वास बढेगा।
श्री सिंह ने कहा कि भाजपा फूट डालो और राज करो की नीति पर चल रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार 500 साल के बाद भगवान राम को ले आयी है लेकिन नीरव मोदी से जैसे भगाैडों को नहीं ला पायी है। मोदी सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी धर्म का प्रयाेेग राजनीति के लिए कर रहे हैं और चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की एक सभा में बजरंग बली का नारा दिया और राम के नाम पर वोट मांगें। उन्होंने कहा कि अगर कोई छोटा राजनीतिक दल ऐसा करता तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो गयी हाेती।
कांग्रेस सदस्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गरीब विरोधी है और ऐसी पार्टी असमानता दूर नहीं कर सकती है।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.