नयी दिल्ली 05 फरवरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि पिछली सरकारों की तुष्टिकरण की नीति ने देश के लिए कई समस्याएं पैदा कीं और कई गलत नीतियों के कारण दशकों तक जम्मू-कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और पूर्वोत्तर में हिंसा और अशांति रही।
श्री शाह ने यहां 'सुरक्षा से परे: भारत के लचीले भविष्य का निर्माण' विषय पर व्याख्यान देते हुए और 'ओआरएफ विदेश नीति सर्वेक्षण' का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत छह देशों के साथ भूमि सीमा और सात देशों के साथ समुद्री सीमा साझा करता है।
गृह मंत्री ने कहा, '75 वर्षों में हमने आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर आतंकवाद, उग्रवाद और वामपंथी उग्रवाद का सामना किया है और हजारों निर्दोष नागरिक और सुरक्षाकर्मी इनका शिकार बने हैं।'
उन्होंने कहा कि 2014 से मोदी सरकार ने ‘जीरो टॉलरेंस ’की नीति अपनाई और आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने की रणनीति बनाई। उन्होंने कहा कि हमने न केवल आतंकवाद से निपटना जरूरी समझा है, बल्कि हमने इसके पारिस्थितिकी तंत्र पर भी प्रहार किया है। श्री शाह ने कहा कि अपनी दो-आयामी नीति के कारण, मोदी सरकार ने इन तीन हॉटस्पॉट में बड़ी सफलता हासिल की है।
गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, प्रधान मंत्री मोदी के प्रयासों के कारण, भारत ने राजनीतिक स्थिरता, भ्रष्टाचार मुक्त शासन, लोक कल्याण, निवेशक-अनुकूल एजेंडा और शांतिपूर्ण वातावरण स्थापित करने में बड़ी सफलता हासिल की है।
उन्होंने कहा कि 2024 पूरी दुनिया के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल दुनिया के 40 लोकतांत्रिक देशों में चुनाव होने वाले हैं और इन चुनावों में करीब 3.3 अरब लोग मतदान करेंगे।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.