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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १७ मई २०२४

एआई से अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती



 नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई के लाभ दिन-रात बढ़ते जा रहा है। अब भारतीय अर्थव्यवस्था को आने वाले दिनों में बड़ा फायदा होने वाला है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अकेले जेनरेटिव एआई अगले सात साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में अरबों डॉलर का योगदान दे सकता है और भारत की जीडीपी में अरबों डॉलर आ सकते हैं। ईवाई की एक रिपोर्ट के अनुसार, जेनरेटिव एआई के चलते भारत में इनोवेशन और प्रोडक्टिविटी के नए दौर की शुरुआत होगी। इस जेनरेटिव एआई से अगले सात सालों में भारतीय जीडीपी में 1.2 ट्रिलियन से 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक का योगदान आ सकता है। इससे एजुकेशन और अपस्किलिंग होगी। डिजिटल वर्ल्ड में टैलेंट कहीं से भी निकलकर सामने आ सकता है। ऐसे में डिजिटल स्किल गेम चेंजर साबित होंगे और भारत के डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ उठाते हुए करोड़ों लोगों को बेहतर तरीके से समान अवसर मुहैया कराएंगे।


टैकनोलजी

  • चंद्रयान 3: लैंडर विक्रम ने किया लिफ्ट ऑफ, इसरो चांद पर इंसान को भेज सकेगा ISRO! मिली बड़ी सफलता

    नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को एक और बड़ी सफलता मिली है। चंद्रयान-3 के तहत चांद पर उतारे गए लैंडर विक्रम ने कमांड पर अपना इंजन ऊपर उठाया और कुछ दूरी पर सफलतापूर्वक लैंड कर लिया। ऐसे में, चांद पर इंसान भेजने की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है।

  • बिजली गुल होने से नासा के स्टेशनों का संपर्क टूटा, 1 घंटे तक प्रभावित

    ह्यूसटन। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन नासा के कंट्रोल सेंटर और मिशन स्टेशन के बीच संचार कार्य बंद हो गया था। इससे नासा को बैकअप प्रणाली का सहारा लेना पड़ा, जो पहली बार हुआ। ह्यूस्टन में स्थित नासा की इमारत में अचानक बिजली की खराबी से एक तेज़ भूकंप महसूस हुआ था। बिजली के चले जाने से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और मिशन स्टेशन के बीच का संचार बंद हो गया था।

  • मेट्रो ने रचा इतिहास, देश में पहली बार नदी के नीचे दौड़ी ट्रेन

    कोलकाता। मेट्रो ने कोलकाता में इतिहास रच दिया। भारत में पहली बार किसी मेट्रो ने नदी के नीचे रफ्तार भरी है। यह ट्रायल रन हावड़ा से कोलकाता में एस्प्लेनेड तक हुआ। कोलकाता मेट्रो के महाप्रबंधक पी उदय कुमार रेड्डी ने इस दौड़ को कोलकाता शहर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कहा कि यह पहली बार है कि एक ट्रेन हुगली नदी के नीचे चली है। यह 33 मीटर की गहराई पर सबसे गहरा स्टेशन भी है।