नयी दिल्ली 04 मार्च भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष के इंडी गठबंधन की रैली में राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवार को लेकर की गयी टिप्पणियों पर आज तीखी प्रतिक्रिया जतायी और कहा कि जनता अच्छी तरह से समझती है कि श्री मोदी के लिए पूरा देश ही उनका परिवार है तथा आने वाले चुनाव में जनता जनार्दन निश्चित रूप से इसका समुचित प्रत्युत्तर देगी।
इसबीच भाजपा के नेताओं अपने सोशल मीडिया हैंडलों पर अपने नाम के आगे “मोदी का परिवार” जोड़ लिया। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल आदि ने अपने एक्स हैंडल पर ये बदलाव कर दिये।
भारतीय जनता पार्टी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा - “भ्रष्टाचार और राजशाही मानसिकता के गर्त में डूबे लोग समझ लें, देश का जन-जन है मोदी का परिवार।”
भाजपा के प्रवक्ता एवं सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ज्यों ज्यों देश चुनाव की ओर बढ़ रहा है, बेचैन और परेशान विपक्ष की मोहब्बत की दुकान से एक के बाद एक ज़हरबुझे सामान बाहर निकल रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रति घृणा, ईर्ष्या, द्व्रेष, कुंठा से वाबस्ता होकर जितने भी ओछे, हल्के, अपमानजनक, नितांत व्यक्तिगत छींटाकशी की गयी है, उनके पिता, स्वर्गीय माता जी, परिवार एवं जाति को लेकर बयान दिये गये हैं, उसी क्रम में पटना की रैली में राजद के नेता लालू प्रसाद का बयान दुखद एवं कष्टकारक है।”
श्री त्रिवेदी ने कहा कि श्री मोदी के लिए उनका परिवार पूरा देश है। दीवाली जैसे पर्व को हम लोग अपने परिवार के बीच मनाते हैं, जबकि श्री मोदी 2014 के बाद हर दीवाली सीमा की किसी चौकी पर सेना के जवानों के साथ मनाते आये हैं। उन्होंने दशकों पहले अपने परिवार को छोड़ दिया था और देश को परिवार मान लिया था। लालकिले की प्राचीर से उन्होंने देश को संबोधित करते हुए ‘मेरे परिवारजनों’ कहा था।
उन्होंने कहा कि वह आश्वस्त है कि कृष्ण रूपी जनता शिशुपाल के जैसे विपक्ष की एक एक गाली गिन रही है तथा उचित समय पर उसका प्रत्युत्तर देगी। उन्होंने कहा कि इस बयान से स्वत: स्फूर्त हो कर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने अपने सोशल मीडिया के एकाउंट में अपने परिचय में “मोदी का परिवार” जोड़ लिया है।
श्री लालू प्रसाद द्वारा श्री मोदी को गैर हिन्दू बताने पर श्री त्रिवेदी ने कहा कि श्री लालू प्रसाद को हिन्दू धर्म की कोई जानकारी नहीं है। यह धर्म पिता पुत्र के संबंधों को नहीं, बल्कि गुरु शिष्य के संबंधों पर आधारित है। उन्होंने उदाहरण दिया कि द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा नहीं अर्जुन की महिमा है, इसी प्रकार भगवान राम के पुत्रों लव कुश के मंदिर नहीं हैं लेकिन उनके सेवक शिष्य हनुमान के मंदिर हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इसी परिवार भाव के साथ 2047 तक देश के परिवार को विकसित करने का लक्ष्य तय किया है। क्या विपक्ष के किसी दल या गठबंधन ने भारत को विकसित करने का लक्ष्य तय किया है। उनके लिए उनका परिवार ही उनका देश है और परिवार की अर्थव्यवस्था मजबूत करने का अभिप्राय ही देश का नंबर 1 बनाना है।
भाजपा के प्रवक्ता ने कहा कि पटना की रैली में सात परिवारवादी अलंबरदार जुटे थे। ये चुनाव भारत की पहचान टुकड़ों टुकड़ों के बांट कर देखने वालों के प्रभाव और देश के अपमान को रोकने के लिए लिए है। एक समय खुद को गरीब गुरबा का परिवार कहने वाले आज बिहार का सबसे अमीर परिवार बन गया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से वेदना के साथ कहना पड़ रहा है कि मोहब्बत की दुकान से असली ज़हरबुझे सामान निकाले जा रहे हैं। लेकिन इस बात का विश्वास है कि जनता जनार्दन श्री मोदी के प्रति टिप्पणियों का समुचित प्रत्युत्तर देगी।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.