भुवनेश्वर, 24 मई ओडिशा में शनिवार को तीसरे चरण के मतदान में लोकसभा की छह और 42 विधानसभा सीटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की लोकप्रियता की परीक्षा होगी।
वर्ष 2019 के आम चुनाव में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने छह में से चार लोकसभा और 34 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खाते में दो लोकसभा और छह विधानसभा सीटें गयीं जबकि कांग्रेस को विधानसभा की दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा।
ओडिशा में तीसरे चरण के चुनाव के लिए श्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और असम,छत्तीसगढ़, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों सहित 12 से अधिक भाजपा स्टार प्रचारकों के साथ एक हाई-प्रोफाइल अभियान देखा गया है। ‘डबल इंजन सरकार’ और ‘ओडिया गौरव’ के अपने नारे के साथ भाजपा का लक्ष्य राजनीतिक रूप से संवेदनशील तटीय जिलों में पैठ बनाना है, जो पिछले दो दशकों से बीजद का गढ़ रहे हैं।
बीजद अभियान, जिसका नेतृत्व ज्यादातर पार्टी सुप्रीमो एवं मुख्यमंत्री तथा उनके भरोसेमंद नौकरशाह से नेता बने वीके पांडियन ने किया है। बीजद ने सभी वर्गों के लोगों के लिए चुनाव से पहले घोषित मुफ्त सुविधाओं की श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित किया है जो सबसे महत्वपूर्ण है। अपना वर्चस्व बरकरार रखने के लिए बीजद ने जुलाई से राज्य की 90 प्रतिशत आबादी को मुफ्त बिजली देने की भी घोषणा की है।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि सत्तारूढ़ पार्टी को भाजपा के आक्रामक अभियान के मद्देनजर वर्ष 2019 के अपने प्रदर्शन को दोहराना मुश्किल होगा। भाजपा ने श्री पटनायक पर अपनी सरकार को निहित और भ्रष्ट नौकरशाहों को आउटसोर्स करने का गंभीर आरोप लगाया है, जिससे राज्य 50 साल पीछे चला गया है।
इसके अतिरिक्त सत्ता विरोधी लहर दो मंत्रियों, छह पूर्व मंत्रियों और कई मौजूदा विधायकों सहित बीजद के कई दिग्गजों के भाग्य का फैसला करने में प्रमुख भूमिका निभा सकती है।
राज्य में 40.30 लाख पुरुष मतदाताओं, 39.31 लाख महिला मतदाताओं और 850 ट्रांसजेंडरों सहित 94.41 लाख से अधिक मतदाता 64 लोकसभा उम्मीदवारों और 383 विधानसभा उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
कल जिन छह लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें भुवनेश्वर, कटक, ढेंकनाल और पुरी (सभी तटीय ओडिशा में), पश्चिमी ओडिशा में संबलपुर और उत्तरी ओडिशा में एकमात्र (सुरक्षित) संसदीय क्षेत्र क्योंझर शामिल हैं।
इन छह लोकसभा सीटों के अलावा, राज्य के 30 जिलों में से 10 में फैली इन संसदीय संविधानों के तहत आने वाली 42 विधानसभा सीटों पर भी मतदान होगा।
सभी छह लोकसभा सीटों पर बीजद और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, छह बार के लोकसभा सांसद भर्तृहरि महताब, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और भाजपा के मौजूदा भुवनेश्वर सांसद अपराजिता सारंगी जैसी दिग्गज शामिल होंगी।
बीजद के संगठनात्मक सचिव प्रणब प्रकाश दास, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक और आदित्य बिड़ला समूह के पूर्व मानव संसाधन निदेशक संतृप्त मिश्रा, जिन्होंने बीजद में शामिल होने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया, जैसे बीगज के दिग्गज भी मुकाबले के लिए मैदान में हैं।
ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) निकुंज कुमार धल के अनुसार तीसरे चरण में 10,551 बूथों पर मतदान होगा, जिनमें से 20 प्रतिशत को महत्वपूर्ण घोषित किया गया है, 2,000 मतदान केंद्रों को मॉडल बूथ के रूप में घोषित किया गया है और 1,500 बूथों का प्रबंधन विशेष रूप से महिला कर्मियों द्वारा किया जाएगा।
श्री ढल ने कहा कि कुल बूथों में से 60 प्रतिशत बूथों पर वेबकास्टिंग की गई है और चुनाव के इस चरण में सबसे अधिक संख्या में 121 कंपनी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) तैनात किए गए हैं।
ओडिशा के पुलिस महानिदेशक अरुण शारंगी ने कहा कि राज्य में इस चरण के चुनाव में ओडिशा पुलिस बल की लगभग 106 प्लाटून तैनात की गई हैं।
उन्होंने दावा किया कि पहली बार पिछले दो चरणों 13 मई और 20 मई को 11 नक्सल प्रभावित जिले में लाल विद्रोहियों की हिंसा के बिना शांतिपूर्ण ढंग से मतदान हुआ।
विधानसभा की अधिकांश सीटों पर दलबदलुओं सहित बड़ी संख्या में उम्मीदवारों की मौजूदगी से सत्तारूढ़ बीजद के चुनावी गणित में गड़बड़ी होने की संभावना है जिसका 2019 के विधानसभा चुनाव में लगभग दबदबा था।
संबलपुर लोकसभा सीट पर वोटों की असली लड़ाई 15 साल के अंतराल के बाद चुनावी मैदान में उतर रहे केंद्रीय शिक्षा मंत्री और तीन बार के बीजद विधायक एवं पार्टी के संगठनात्मक सचिव प्रणब प्रकाश दास के बीच होगी।
श्री प्रधान ने वर्ष 2004 के चुनाव में देवगढ़ लोकसभा सीट और 2000 के विधानसभा चुनाव में पल्लाहारा विधानसभा सीट जीती। उन्होंने आखिरी विधानसभा चुनाव वर्ष 2009 में पल्लाहारा विधानसभा सीट से लड़ा था, जहां वह बीजद के रबी नारायण पाणि से हार गए थे।
श्री दास अपने 15 साल के राजनीतिक करियर में पहली बार लोकसभा चुनाव मैदान में उतर रहे हैं, इससे पहले वह जाजपुर विधानसभा सीट से लगातार तीन बार चुने जा चुके हैं। बीजद ने उन्हें संबलपुर लोकसभा सीट पर श्री प्रधान के खिलाफ खड़ा किया है
कटक लोकसभा सीट पर छह बार के सांसद भर्तृहरि महताब, जो बीजद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हैं, फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला बीजद के नवोदित उम्मीदवार संतरूपता मिश्रा से है, जो 482 करोड़ की कुल संपत्ति के साथ मैदान में सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। श्री मिश्रा ने बीजद में शामिल होने और महताब को लेने के लिए आदित्य बिड़ला समूह के मानव संसाधन निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया।
पुरी लोकसभा सीट पर डॉ. पात्रा, जो वर्ष 2019 के चुनाव में बीजद के पिनाकी मिश्रा से मामूली अंतर से हार गए थे, का मुकाबला बीजद के पूर्व मुंबई कमिश्नर अरुप पटनायक से होगा। श्री अरुप वर्ष 2019 के चुनाव में भुवनेश्वर लोकसभा सीट भाजपा की अपराजिता सारंगी से हार गए थे।
बीजद ने चार मौजूदा सांसदों को हटा दिया है और नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने अपने संबलपुर के मौजूदा सांसद सुरेश पुजारी को हटा दिया है और उनकी जगह केंद्रीय शिक्षा मंत्री को मैदान में उतारा है। श्री पुजारी को ब्रजराजनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए स्थानांतरित किया गया है।
भुवनेश्वर लोकसभा सीट पर भाजपा की मौजूदा सांसद सुश्री सारंगी का मुकाबला बीजद के मन्मथ राउत्रे से होगा, जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और कांग्रेस से निष्कासित नेता सुरेश चंद्र राउत्रे के बेटे हैं, जिन्होंने अपनी पायलट की नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया। मन्मथ राज्य में चुनाव की घोषणा के बीच बीजू जनता दल में शामिल हो गए।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.