नयी दिल्ली, 28 मई गुजरात प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजकोट के एक गेम जोन में आग लगने से 31 लोगों की दर्दनाक मौत की वजह भाजपा सरकार और उसके बड़े अधिकारियों की लापरवाही है। इस गेम जोन में फायर सेफ्टी, आने-जाने के अलग रास्ते, आवासीय क्षेत्र से दूरी जैसे किसी भी सुरक्षा नियम का पालन नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा कि राजकोट में इतना भयावह हादसा होने के बाद भी सरकार गंभीर नहीं है। लोगों के जान-माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है लेकिन आज सरकार ही इसके साथ खिलवाड़ कर रही है। खुद बड़े-बड़े अधिकारियों का ही इस गेम जोन में जब आना-जाना हो तो फिर छोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर सरकार क्या साबित करना चाहती है।
कांग्रेस सांसद ने कहा "गुजरात के राजकोट में हुआ हादसा, पहला हादसा नहीं है। सूरत में एक एजुकेशन इंस्टीट्यूट में 22 बच्चों की जान चली गई थी। सूरत में पीड़ित परिवारों ने कहा कि हमें आज तक न्याय नहीं मिला लेकिन राजकोट के बच्चों को न्याय मिलना चाहिए। इसी तरह, वडोदरा में नाव डूबने से 14 बच्चों की जान चली गई। उस मामले में भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। बनासकांठा में ब्रिज गिरने से कई लोगों की जान चली गई। जो कंपनी ये ब्रिज बना रही थी उसे पहले भी ब्लैकलिस्ट किया गया था। लेकिन जैसे ही उसने भाजपा को चंदा दिया, उसे ये ब्रिज बनाने का काम मिल गया।"
उन्होंने आरोप लगाया "गुजरात सरकार में अच्छे और ईमानदार अफसरों को अलगकर, सरकार की जी-हुजूरी करने वालें अफसरों को जगह दी गई है। हालात ये हैं कि गुजरात में अच्छे अफसरों को साइडलाइन कर उनका करियर खत्म किया जा रहा है। नतीजा- राजकोट में हुए हादसे की तरह लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा है।"
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.