नयी दिल्ली, 08 जून कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति ने पार्टी नेता राहुल गांधी को सर्वसम्मति से लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने का प्रस्ताव पारित किया और कहा कि श्री गांधी ही लोकसभा में पार्टी के मुद्दों को प्रभावी तरीके से उठा सकते हैं।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल तथा पार्टी के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने शनिवार को कार्य समिति की बैठक के बाद यहां पार्टी मुख्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कार्य समिति ने श्री गांधी को विपक्ष का नेता बनने का प्रस्ताव पारित किया है और उन्हें उम्मीद है कि श्री गांधी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेंगे।
श्री वेणुगोपाल ने कहा, “कार्य समिति ने सर्वसम्मति से राहुल गांधी से लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालने का अनुरोध किया है। श्री गांधी इसके लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं और वह संसद में पार्टी के मुद्दों को शिद्दत के साथ उठाने और पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं।”
श्री गांधी ने कहा है कि वह कार्यसमति के निर्णय पर बहुत जल्द फैसला लेंगे।
यह पूछे जाने पर कि श्री गांधी रायबरेली या वायनाड में से अपने पास कौर सी सीट रखेंगे उन्होंने कहा कि इस बारे में तीन-चार दिन में फैसला लिया जाएगा। जनता दल-यू अध्यक्ष तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडिया समूह की तरफ से प्रधानमंत्री बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि कार्य समिति की बैठक में उत्साह का माहौल था और सभी नेता लोक सभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन से उत्साहित थे। कार्य समिति में मौजूद नेताओं के मूड से लग रहा था कि उन्हें भरोसा हो गया है कि कांग्रेस का पुनरुद्धार का कार्य अब शुरू हो गया है।
श्री वेणुगोपाल ने कहा, “कांग्रेस कार्यसमिति की आज की बैठक का माहौल चार महीने पहले हुई बैठक से बिल्कुल अलग था और पार्टी के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक सभी ऊर्जा से भरे नज़र आ रहे थे। बैठक में प्रचार और गारंटी योजनाओं जैसे विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। खाते सील होने और पार्टी नेताओं को ब्लैकमेल किए जाने के बावजूद संसदीय चुनावों में पार्टी का शानदार प्रदर्शन रहा और सभी नेता इससे उत्साहित नजर आ रहे थे।”
उन्होंने कहा, “हमारी यात्रा इस बार ज्यादा ही चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन कांग्रेस के सभी नेता तथा कार्यकर्ता लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए योद्धाओं की तरह लड़े। कांग्रेस को खत्म करने की कई कोशिशें हुईं, लेकिन पार्टी मजबूती से खड़े रही। भाजपा का मात्र एक एजेंडा लोगों को बांटना था, लेकिन कांग्रेस तथा इंडिया समूह हर मोर्चे पर मजबूती से खड़ा रहा।”
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि लोकसभा में जिन क्षेत्रों में उम्मीद से कम सीटें पार्टी को मिली है उसके कारणों की समीक्षा की जा रही है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उन राज्यों में तथा क्षेत्र में स्थिति का आकलन करने के लिए समिति का गठन करेंगे। समितियां जो रिपोर्ट देंगी उसके आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष उन राज्यों में पार्टी की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस का विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन रहा है और लोकसभा चुनाव में वहां अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा इसकी समीक्षा की जाएगी और इस पर विचार किया जाना है।
उन्होंने कहा कि बैठक में कांग्रेस के नतीजे को लेकर विचार विमर्श हुआ है। उत्तर प्रदेश में पार्टी की स्थिति में सुधार का मुद्दा उठा, महाराष्ट्र का मुद्दा उठा और सभी मुद्दों पर सकारात्मक रूप से बात हुई। कांग्रेस समिति के लोगों का आज की बैठक में नैतिक आधार बहुत ऊंचा था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड या रायबरेली लोकसभा सीट से इस्तीफा देंगे इस पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में तीन-चार दिन में निर्णय ले लिया जाएगा।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.