नयी दिल्ली 24 जून प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को जैसे ही सदन में 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए उठे कांग्रेस समेत सभी विपक्षी सदस्य संविधान की प्रतियां लेकर खड़े हो गये जबकि सत्तपक्ष ने मोदी मोदी के नारे लगाने लगे।
नव निर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण की कार्यवाही शुरू होते ही अस्थायी अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने सबसे पहले श्री मोदी को सदन की सदस्यता की शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया। श्री मोदी के उठते ही सदन में विपक्ष के तमाम सदस्य संविधान की प्रतियां लेकर अपने-अपने स्थान खड़े हो गये। इसी दौरान सत्तापक्ष ने मोदी मोदी के नारे लगाये।
श्री मोदी ने शपथ लेने के बाद हाथ जोड़कर सदन में मौजूद सदस्यों का अभिवादन किया। इस दौरान पहली पंक्ति में बैठे कांग्रेस के राहुल गांधी और समाजवादी के अखिलेश यादव ने भी प्रधानमंत्री का अभिवादन किया।
प्रधानमंत्री के शपथ के बाद कांग्रेस के कोडिकोनिल सुरेश और द्रविड़ मुनेत्र कषगम के टी आर बालू का नाम पुकारा गया पर, दोनों उस समय सदन में उपस्थित नहीं थे।
प्रधानमंत्री के बाद शपथ लेने वालों में क्रमश: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राधामोहन सिंह और इसी पार्टी के फग्गन सिंह कुलस्ते का नंबर था। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय भी पीठासीन अधिकारियों के पैनल में शामिल हैं, लेकिन वह भी शपथ के लिए पुकारे जाने पर सदन में उपस्थित नहीं थे।
इसके उपरांत लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन जयराम गडकरी, शिवराज सिंह चौहान समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली।
जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह जैसे ही शपथ लेने के लिए अध्यक्षीय आसन की तरफ जाने लगे तभी तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने शायराने अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा 'दोस्त दोस्त न रहा, प्यार प्यार न रहा'।
शपथ लेने के बाद बाद जब सदस्यता रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए जाने लगे तब श्री बनर्जी कहा कि यह हमारे बहुत पुराने दोस्त हैं। इसी प्रकार भाजपा के गिरिराज सिंह जब शपक्ष लेने के लिए आगे बढे तभी श्री बनर्जी ने कहा कि 'आप बोले और हमारी सीट बढ़ी।'
भाजपा के श्री धर्मेन्द्र प्रधान जैसे ही शपथ लेने के लिए उठे विपक्षी सदस्यों में नीट, नीट और शर्म करो के नारे लगाने लगे।
शपथ ग्रहण के दौरान विपक्ष की ओर पहली पंक्ति में के सुरेश, राहुल गांधी, कल्याण बनर्जी, समाजवादी के अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद और अखिलेश यादव बैठे थे। इस दौरान राहुल गांधी संविधान की प्रति पढ़ते नजर आये।
शपथ ग्रहण समारोह में समाजवादी पार्टी के सभी सदस्य एक साथ आये। सभी लाल टोपी और गले में गमछा डालकर आये। अखिलेश यादव अपने साथ अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को अपने साथ रखा और पहली पंक्ति में अपने बराबर में बैठाया। वहीं तेलगू देश पार्टी के सदस्य गले में पीला पट्टा डालकर आये।
जनता दल सेकूलर के एच डी कुमारास्वामी ने कन्नड़ भाषा में शपथ लिया जबकि सर्वानंद सोनोवाल ने असमी में और तेदेपा के राममोहन नायडू ने तेलगू में शपथ ली।
कैबिनेट मंत्रियों के बाद स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों में सबसे पहले राव इंद्रजीत सिंह और उसके बाद डा जितेंद्र सिंह ने शपथ ली।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.