चोपड़ा मामले में पीड़ितों ने राज्यपाल से मिलने से किया इनकार, वापस लौटे
कूचबिहार। कूचबिहार के चोपड़ा में हुई हैवानियत के मामले में आज राज्यपाल पीड़ितों से नहीं मिल सके। उनसे मिलने के लिए राज्यपाल दिल्ली से आये थे, लेकिन चोपड़ा के पीड़ितों ने राज्यपाल से मुलाकात नहीं की। यह बात खुद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कही। सिलीगुड़ी से बागडोगरा के लिए वापस दिल्ली की फ्लाइट पकड़ने से पहले बोस ने कहा, ''मैं पीड़ितों और उनके परिवारों के फैसले का स्वागत करता हूं.'' लेकिन साथ ही राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए राज्यपाल ने कहा, ''मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महिलाएं बंगाल रहने लायक नहीं है।” राज्यपाल बोस मंगलवार को चोपड़ा से मिलने के लिए दिल्ली से कोलकाता न लौटकर सोमवार को सिलीगुड़ी पहुंचे। बताया गया कि वह चोपड़ा मंगलवार सुबह सड़क मार्ग से पहुंचेंगे। चोपड़ा के पीड़ितों और उनके परिवारों से बात करेंगे। बताया गया कि राज्यपाल उस महिला बीजेपी कार्यकर्ता से भी बात करेंगे जिस पर चोपड़ा कांड से कुछ दिन पहले कूचबिहार में प्रताड़ना का आरोप लगा था।मंगलवार को जब कूचबिहार की उस बीजेपी कार्यकर्ता ने सिलीगुड़ी के स्टेट गेस्ट हाउस में राज्यपाल से बात तो की, लेकिन चोपड़ा के पीड़ितों ने कहा कि वे राज्यपाल से नहीं मिलेंगे। बागडोगरा एयरपोर्ट पर पत्रकारों को जानकारी देने के बाद राज्यपाल ने कहा, 'अगर वे चाहें तो कोलकाता के राजभवन में जाकर मुझसे मिल सकते हैं या फिर आप वर्चुअल मीडिया के जरिए अपने अनुभव के बारे में बता सकते हैं।
चोपड़ा की घटना से कुछ दिन पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने कहा था कि 'महिलाएं राजभवन जाने से डरती हैं।' इससे 'नाराज' गवर्नर बोस ने उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा भी दायर किया है। मंगलवार को चोपड़ा के पीड़ितों के उनसे नहीं मिलने पर भी उन्होंने लगभग उसी लहजे में मुख्यमंत्री ममता पर निशाना साधा। उनका कहना है, ''बंगाल में आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं। पैसा, राजनीति और सरकारी ताकत मिलकर यह सब करते हैं। हालाँकि, यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार और पुलिस मंत्री की जिम्मेदारी है कि राज्य के लोगों के अधिकार बरकरार रहें। लेकिन मैं देख रहा हूं कि सरकार पैसे देकर हिंसा को बढ़ावा दे रही है, और अधिक हिंसा फैलाने की पहल कर रही है।'' चोपड़ा की घटना पर राज्यपाल ने उन पर बेबाकी से हमला बोला।