नयी दिल्ली, 12 जुलाई भारत सहित बंगाल की खाड़ी से जुड़े देश के चुनिंदा पड़ोसियों के समूह बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की और उनके साथ आपसी तथा क्षेत्रीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बिम्सटेक के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और बिम्सटेक की अगली शिखर बैठक सितंबर में कराने में थाईलैंड को भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। भारत इस समय बिम्सटेक विदेश मंत्रियों के सम्मेलन की यहां मेजबानी कर रहा है। सितंबर में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के संदर्भ में इस बैठक का विदेश महत्व है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक मंत्रियों के समूह के साथ कनेक्टिविटी, ऊर्जा, व्यापार, स्वास्थ्य, कृषि, विज्ञान, सुरक्षा और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर सार्थक चर्चा की। उन्होंने आर्थिक और सामाजिक विकास के इंजन के रूप में बिम्सटेक की भूमिका पर बल दिया।
श्री मोदी ने एक शांतिपूर्ण, समृद्ध, हर स्थिति के अनुकूल और सुरक्षित बिम्सटेक क्षेत्र के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की तथा भारत की ‘पड़ोसी सर्वप्रथम ’ और ‘पूर्व की ओर दृष्टि’ जैसी नीतियों के साथ-साथ क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के संदर्भ में सागर विजन में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
इस क्षेत्रीय सहयोग संगठन को बैंकॉक-घोषणा पत्र के तहत 1997 में स्थापित किया गया था। आरम्भ में इसमें केवल चार सदस्य देश (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैण्ड ) थे और इसे 'बीआईएसट-ईसी' कहा गया था। अब इसमें बांग्लादेश, भारत, बर्मा, श्रीलंका, थाईलैण्ड, भूटान और नेपाल सदस्य थे।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.