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Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश: राहुल गांधी को आरएसएस मानहानि मामले में शीघ्र सुनवाई का अधिकार


मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने राहुल गांधी से जुड़े आरएसएस मानहानि मामले में आज एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ कथित टिप्पणी के लिए 2014 की मानहानि शिकायत पर शीघ्र निर्णय पाने का वैध अधिकार है। न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की एकल पीठ ने 12 जुलाई के आदेश में कहा कि संविधान का अनुच्छेद 21 सभी के लिए शीघ्र सुनवाई का अधिकार प्रदान करता है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई बहुत आवश्यक है।

यह टिप्पणी राहुल गांधी की उस याचिका को स्वीकार करते हुए की गई, जिसमें उन्होंने एक मजिस्ट्रेट के उस आदेश को रद्द करने की मांग की थी जिसमें आरएसएस कार्यकर्ता को लंबित आपराधिक मानहानि शिकायत में नए और अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई थी। 2014 में संघ कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने भिवंडी मजिस्ट्रेट की अदालत में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि कांग्रेस नेता ने एक भाषण के दौरान झूठे और अपमानजनक बयान दिए थे कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस जिम्मेदार है।

2023 में भिवंडी की मजिस्ट्रेट अदालत ने कुंटे को राहुल गांधी के भाषण की प्रतिलिपि प्रस्तुत करने की अनुमति दी, जो 2014 में कांग्रेस नेता द्वारा दायर एक याचिका का हिस्सा थी, जिसमें उन्होंने समन को रद्द करने की मांग की थी। कुंटे ने तर्क दिया कि याचिका के हिस्से के रूप में प्रतिलिपि को शामिल करके, राहुल गांधी ने "भाषण और इसकी सामग्री को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है"। इसके बाद कांग्रेस नेता ने मजिस्ट्रेट के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।

हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति चव्हाण ने कुंटे से उनके समग्र आचरण पर सवाल किया और कहा कि उनके कारण मामले को अनावश्यक रूप से विलंबित और लंबा खींचा जा रहा है।


भारत

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    रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.

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