नयी दिल्ली, 25 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने करीब 35 साल पुराना अपना एक फैसला पलटते हुए गुरुवार को कहा कि रॉयल्टी कोई कर नहीं है तथा राज्यों के पास खनिजों और खदानों पर कर लगाने का अधिकार है।
शीर्ष अदालत की नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने केंद्र और विभिन्न खनन कंपनियों की आपत्तियों को खारिज करते हुए आठ-एक के बहुमत वाले फैसले से 1989 के सात सदस्यीय पीठ के फैसले (इंडिया सीमेंट लिमिटेड बनाम तमिलनाडु सरकार) को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि राज्यों के पास कर लगाने का कोई अधिकार नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की संविधान पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने हालांकि, बहुमत के फैसले से असहमति जताई।
संविधान पीठ ने कहा कि खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम (खान अधिनियम) राज्यों को खनिज अधिकारों पर कर लगाने की शक्ति से वंचित नहीं करेगा। शीर्ष अदालत के बहुमत वाले इस फैसले में कहा गया है कि रॉयल्टी कोई टैक्स नहीं तथा विधानसभाओं के पास खनिजों वाली जमीन पर कर लगाने की विधायी शक्ति प्राप्त है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बहुमत के फैसले में कहा कि संसद के पास खनिज अधिकारों के तहत कर लगाने की शक्ति नहीं, लेकिन वह (राज्य द्वारा) कर लगाने की सीमा निर्धारित कर सकती है।
खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकरण और अन्य ने सात सदस्यीय पीठ के फैसले को चुनौती दी थी। ओडिशा और झारखंड आदि ने दलील दी थी कि संविधान के अनुसार कर लगाने का अधिकार सिर्फ राज्यों के पास है।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.