नयी दिल्ली 03 सितंबर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और जीवनयापन सरल बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत श्रमिकों को शामिल किया जाएगा।
मंत्रालय ने मंगलवार को यहां बताया कि श्रमिकों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा गया है। पत्र में प्रवासी श्रमिकों, भवन निर्माण श्रमिकों, बीड़ी श्रमिकों, सिनेमा श्रमिकों, गैर-कोयला खदान श्रमिकों, ठेका मजदूरों और अन्य असंगठित श्रमिकों को आवास योजना मैं शामिल करने को कहा गया है।
मंत्रालय ने यह निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन को वित्त वर्ष 2024-25 से वर्ष 2028-29 तक पांच साल के लिए बढ़ाने की मंजूरी के बाद लिया गया है। इसका उद्देश्य पात्र लाभार्थियों को दो करोड़ अतिरिक्त घर उपलब्ध कराना है। मंत्रालय की यह पहल आर्थिक रूप से कमजोर श्रमिकों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
पत्र में कहा गया है कि ये श्रमिक समाज के वंचित वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उनको करना न केवल सामाजिक न्याय का मामला है, बल्कि उनकी जीवन स्थितियों में सुधार की दिशा में एक आवश्यक कदम भी है।
इसके अलावा, मंत्रालय ने घोषणा की है कि भवन एवं निर्माण तथा प्रवासी श्रमिकों के लिए 21 अगस्त को
जारी किया गया प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पोर्टल पूरी तरह से चालू हो गया है। पोर्टल को विभिन्न केंद्रीय और राज्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, जैसे बीमा, स्वास्थ्य लाभ और आवास योजनाओं के तहत निधि उपयोग और श्रमिकों की जानकारी और विश्लेषण की सुविधा के लिए तैयार किया गया है।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.