नयी दिल्ली 10 सितम्बर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम पहलू बताते हुए कहा है कि साइबर सुरक्षा के बिना किसी भी देश का विकास असंभव है।
श्री शाह ने मंगलवार को यहां विज्ञान भवन में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई 4 सी) के पहले स्थापना दिवस समारोह में साइबर अपराध की रोकथाम के लिए अनेक प्रमुख पहलों का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि तकनीक मानव जीवन के लिए आशीर्वाद है लेकिन तकनीक के बढ़ते उपयोग से कई खतरे भी पैदा हो रहे हैं और इसीलिए साइबर सुरक्षा अब केवल डिजिटल दुनिया तक सीमित न रहकर राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम पहलू भी बन गई है। उन्होंने कहा कि इसलिए साइबर सुरक्षा के बिना किसी भी देश का विकास असंभव है।
श्री शाह ने कहा कि आई 4 सी जैसे प्लेटफॉर्म इस प्रकार के खतरों से निपटने में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं। उन्होंने सभी हितधारकों के साथ मिलकर जागरूकता, समन्वय और साझा प्रयास को जारी रखने का आह्वान किया। गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी एक संस्था अकेले साइबर स्पेस को सुरक्षित नहीं रख सकती। यह तभी संभव है जब सभी हितधारक एक ही मंच पर आकर एक ही तरीके और रास्ते पर आगे बढ़ें।
गृह मंत्री ने साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया और समन्वय प्लेटफॉर्म (संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा प्रणाली) का शुभारंभ किया। उन्होंने साइबर कमांडो कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया। साथ ही गृह मंत्री ने आई 4 सी के नए लोगो, विजन और मिशन का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री बंडी संजय कुमार, केन्द्रीय गृह सचिव गोविन्द मोहन, निदेशक खुफिया ब्यूरो, विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा), विभिन्न राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक,वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अनेक सरकारी संगठनों के अधिकारी भी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर सुरक्षित साइबर स्पेस अभियान के तहत 2015 में आई 4 सी की स्थापना हुई थी, तब से यह लगातार साइबर सुरक्षित भारत का मजबूत स्तंभ बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नौ साल की यात्रा में यह विचार एक पहल और फिर एक संस्थान में परिवर्तित हुआ है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में हर राज्य के पास साइबर ‘सस्पेक्ट रजिस्ट्री’ अलग-अलग रहने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी क्योंकि राज्यों की अपनी सीमा है लेकिन साइबर अपराधियों की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि ये समय की मांग थी कि राष्ट्रीय स्तर पर एक ‘सस्पेक्ट रजिस्ट्री’ बनाई जाए और राज्यों को इसके साथ जोड़कर साइबर अपराध से लड़ने के लिए एक साझा मंच तैयार किया जाए। इस पहल से आने वाले दिनों में साइबर अपराधों की रोकथाम में हमें बहुत मदद मिलेगी।
श्री शाह ने कहा कि आज से आई 4 सी एक जनजागरूकता अभियान भी शुरू कर रहा है। देश के 72 से अधिक टीवी चैनलों, 190 रेडियो एफएम चैनलों, सिनेमाघरों और कई अन्य प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस अभियान को गति देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक पीड़ित को साइबर अपराध से बचने का तरीका नहीं पता होगा तब तक यह अभियान सफल नहीं हो सकता। श्री शाह ने कहा कि साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 और आई 4 सी के अन्य प्लेटफॉर्म के बारे में जागरूकता फैलाने से इसकी उपयोगिता बढ़ेगी तथा अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। गृह मंत्री ने सभी राज्य सरकारों से इस अभियान से जुड़कर गांवों और शहरों तक जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.