नयी दिल्ली 10 सितंबर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में सुव्यवस्थित वाहन स्क्रैपिंग नीति का पुरजोर समर्थन करते हुये मंगलवार को यहां कहा कि यदि ऑटो निर्माता खुद वाहन स्क्रैपिंग केंद्र स्थापित करते हैं तो 18 प्रतिशत की बिक्री बढ़ोतरी दर्ज कर सकते हैं।
श्री गडकरी ने यहां 64वें सियाम सम्मेलन में ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक सुव्यवस्थित व्हीकल स्क्रैपिंग सिस्टम (वाहन स्क्रैपिंग प्रणाली) की वकालत की। उन्होंने कहा कि यूरोप और अमेरिका में जहां ऑटोमेकर ओईएम समर्थित वाहन स्क्रैपिंग केंद्र स्थापित करके क्रमशः 12 प्रतिशत और 15 प्रतिशत बिक्री बढ़ोतरी दर्ज करने में सक्षम रहे हैं। भारतीय ऑटो निर्माता 18 प्रतिशत बिक्री बढ़ोतरी देख सकते हैं, अगर वे स्क्रैपिंग केंद्र स्थापित करते हैं। श्री गडकरी ने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग उद्योग के सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद है।
उन्होंने कहा “ज्ञान को धन में बदलने की जरूरत है। हमारी स्क्रैपिंग नीति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए। आज मेरा सुझाव है कि अमेरिका और यूरोप में स्क्रैपिंग सभी के लिए फायदेमंद है। भारत में तीन करोड़ ऐसे वाहन हैं जिनका जीवनकाल पूर्ण हो चुके हैं। हमें फिटनेस और स्क्रैपिंग केंद्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। निर्माता स्क्रैप सामग्री से फायदा कमा सकते हैं, यह सभी के लिए लाभदायक है।”
उन्होंने कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चरिंग केंद्र बनाने की क्षमता है। 40 प्रतिशत तक वायु प्रदूषण जीवाश्म ईंधन वाहनों से आता है। और इस पर नजर रखते हुए, सरकार क्लीन फ्यूल टेक्नोलॉजी (स्वच्छ ईंधन प्रौद्योगिकी) पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा, “मैं पेट्रोल और डीजल के खिलाफ नहीं हूं लेकिन सेहत के नजरिए से हमें अपने लोगों को वायु प्रदूषण से बचाने की जरूरत है। अगर हम 2070 तक कार्बन न्यूट्रल होना चाहते हैं तो हमें इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचना होगा। भारत में 40 प्रतिशत प्रदूषण परिवहन क्षेत्र की वजह से है। हमें अर्थव्यवस्था को डिकार्बनाइज करने के बारे में सोचना चाहिए। डीजल की कार सेल्स अब कुल वॉल्यूम का सिर्फ 18 प्रतिशत रह गईं हैं। 2014 में ये आंकड़ा 40 प्रतिशत था।”
उन्होंने कहा कि देश का सीएनजी वाहन बाजार 8 लाख करोड़ रुपये का है। भारत गैस-बेस्ड इकोनॉमी बनाने पर फोकस कर रहा है। 2030 तक 20,000 सीएनजी स्टेशन लगाने का लक्ष्य है। अब डीजल में 15 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण किया जा सकता है जिससे ट्रकिंग फ्यूल की लागत घटती है।
उन्होंने कहा कि देश को 5 लाख करोड़ डॉलर इकोनॉमी बनाने में ऑटो सेक्टर की सबसे अहम भूमिका है। ऑटो सेक्टर को सभी सेगमेंट में दुनिया में सबसे बड़ा बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा “ मैं कचरे को धन में बदलने पर विश्वास करता हूं। मैं ऑटो इंडस्ट्री से व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी पर सहयोग चाहता हूं। सियाम सदस्य पुरानी के बदले नई गाड़ी पर 3 प्रतिशत छूट देने पर राजी हैं। भारत में ऐसे 3 करोड़ वाहन मौजूद हैं, जो खत्म होने की कगार पर हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं। हर घंटे 53 हादसे और 19 मौतें होती हैं। कुछ मौतों के लिए रोड के डिजाइन जिम्मेदार हैं। इसे ठीक करने पर भी काम जारी है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी मोदी सरकार का खास जोर रहा है।
उन्होंने कहा कि मार्च में समाप्त वित्त वर्ष तक भारत में 30 लाख ईवी रजिस्टर हुए हैं। इसमें 45 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। भारत की ईवी इंडस्ट्री वित्त वर्ष 30 तक 1 करोड़ यूनिटों तक पहुंच जायेगी। इससे लाखों नौकरियां पैदा हुईं हैं। वित्त वर्ष 30 तक ईवी फाइनेंस मार्केट 4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.