नयी दिल्ली 17 सितंबर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में किए गए कामों का विवरण देते हुए कहा कि सरकार ने इस दौरान 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा की है तथा उन पर अमल भी शुरू किया जा चुका है।
श्री शाह ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार ने अपने काम के जरिए लोगों का विश्वास अर्जित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति ने अपनी रीढ दिखाई है। यूक्रेन युद्ध के बीच में श्री मोदी की यूक्रेन और रूस की यात्रा को दुनिया आशा की नजर से देख रही है।
श्री शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में विकास का जो रथ चला है वह आगे भी चलता रहेगा यह हम सभी का विश्वास है। उन्होंने कहा , “हमारा मानना है कि कोई भी सरकार अपनी भाषा के साथ ही समुचित विकास कर सकती है इसीलिए नयी शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं में पढ़ाई के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं।” उन्होंने कहा कि 70 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा की जो योजना शुरू की गई है उसमें आय की कोई सीमा नहीं रखी गई है। कोई करोड़पति भी चाहे तो वह उसका लाभ उठा सकता है।
उन्होंने कहा कि रेलवे का जिस तरह विस्तार हो रहा है लेकिन उसमें हो रहे हादसो की तह तक जाकर जांच की जाएगी और सरकार इसके लिए कटिबद्ध है। रेलवे के हादसे रोकने के लिए जो भी कमजोरी है उसको दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। रेल पटरियों पर छेड़छाड़ की घटनाओं को की प्रवृत्ति अभी हाल में सामने आई है , उस पर निगाहें रखे हुए हैं। रेलवे पुलिस एनआईए और सीबीआई सभी इन घटनाओं को देख रही है
गृह मंत्री ने कहा कि नए आपराधिक कानून के लागू होने के अगले 3 साल के बाद मामलों का एक साल के अंदर उच्चतम न्यायालय तक निर्णय हो जाया करेगा।
मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए किए गए उपायों के संबंध में एक सवाल पर श्री शाह ने कहा , “मणिपुर म्यांमार सीमा की फेंसिंग का काम शुरू कर दिया गया है। घुसपैठ रोकने के लिए म्यांमार से केवल वीजा के आधार पर प्रवेश की व्यवस्था की गई है। सीमा पर सीआरपीएफ की तैनाती की गई है। हाल में तीन दिन की हिंसक घटनाओं को छोड़कर वहां पिछले लंबे समय से कोई बड़ी घटनाएं नहीं हुई थी। मुझे आशा है कि मणिपुर की स्थिति पर सरकार बहुत अच्छे तरीके से नियंत्रण कर सकेगी।”
गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में शांति बहाली के लिए सरकार ने राज्यों की सीमाओं से संबंधित विवादों के समाधान और उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौते सहित कुल 11 समझौते किए हैं और 10000 से अधिक उग्रवादियों ने हथियार डाले हैं।
श्री शाह ने एक सवाल पर कहा कि जनगणना का काम बहुत जल्द शुरू किया जाएगा। उन्होंने आधारित जनगणना कराये जाने के संबंध में सवाल पर कोई स्पष्ट घोषणा करने की बजाय उन्होंने कहा कहा कि जब जनसंख्या करने की घोषणा की जाएगी तो इस समय सभी चीजों पर बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी सरकार के कार्यकाल में एक देश एक चुनाव को लागू कर दिया जाएगा।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.