मेंढर, 21 सितंबर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को दावा किया पाकिस्तान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डर से जम्मू सीमा पर संघर्षविराम का उल्लंघन नहीं कर पा रहा है और, अगर वह भारतीय सेना पर एक भी गोली चलाता है, तो उसका जवाब तोप के गोले से दिया जायेगा।
जम्मू क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवारों के लिए राजनीतिक प्रचार शुरू करने के बाद से यह पहली बार है कि केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने भाषण में पाकिस्तान पर हमला किया है।
श्री शाह ने आज जम्मू क्षेत्र के मेंढर इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सीमाएं खामोश हैं और मेंढर तथा अन्य सीमावर्ती जिलों के लोग शांति से रह रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान को सीमा पर किसी भी तरह की दुस्साहस न करने की चुनौती देते हुए कहा,“ पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के समय में, इस क्षेत्र में सीमा पार से लगातार गोलाबारी होती थी। गोले की गर्जना बंद हो गई है, क्योंकि पाकिस्तान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से डर गया है। अगर पाकिस्तान गोली चलाकर कोई शरारत करता है तो हम तोप के गोले से जवाब देंगे।”
श्री शाह ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए डॉ.अब्दुल्ला को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा,“वर्ष 1990 से यह जगह आतंकवाद के खतरे से तबाह हो गई है। नेकां, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और कांग्रेस के शासन में पहाड़ी, गूजर और बकरवाल अपने अधिकारों से वंचित थे।”
उन्होंने कहा कि नेकां प्रमुख युवाओं के हाथों में बंदूकें देकर उनका भविष्य बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा,“हम पुलिस, सेना और अन्य बलों में भर्ती के जरिए पहाड़ी, गूजर और बकरवाल के हाथों में बंदूकें देंगे ताकि वे पूरी ताकत से आतंकवाद से लड़ सकें और अपनी मातृभूमि को बचा सकें।”
श्री शाह ने कहा,“मैं आपको बता दूं कि अगर डॉ. फरूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला खुद को उल्टा भी कर लेंगे, तो भी हम पहाड़ी आरक्षण नहीं करेंगे। हम पहाड़ी, गुज्जर और बकरवाल को पदोन्नति में आरक्षण देंगे।”
अब्दुल्ला, मुफ्ती और गांधी (कांग्रेस) परिवारों पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने कहा कि ये तीन परिवार 40,000 लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, “इन तीन परिवारों की वजह से ही जम्मू-कश्मीर में लंबे समय तक पंचायत, बीडीसी और डीडीसी चुनाव नहीं हुए। आज, पंचायतों, ब्लॉक और जिलों के 30,000 से अधिक प्रतिनिधि लोकतंत्र का आनंद ले रहे हैं।”
मेंढर से भाजपा उम्मीदवार मुर्तजा खान के समर्थन की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अपने समुदाय के लिए आरक्षण मांगने वाले मुर्तजा पहले पहाड़ी व्यक्ति थे। उन्होंने कहा,“वह अक्सर मुझसे पहाड़ियों को आरक्षण के बारे में ज्ञापन लेकर मिलते थे। मैंने एक बार उनसे कहा था कि आरक्षण जरूर दिया जाएगा, क्या आप (मुर्तजा) भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। फिर उन्होंने जवाब दिया कि अगर मैं (शाह) मेंढर में एक रैली करूंगा, तो वह चुनाव लड़ेंगे।”
श्री शाह ने कहा,“आज मुर्तजा चुनाव लड़ रहे हैं और मैं यहां एक रैली को भी संबोधित कर रहा हूं। यदि आप उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे, तो मैं यहां एक रात ठहरने के लिए आऊंगा।”साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा का जम्मू को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में उन्नत करने का विजन है।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.