नयी दिल्ली/बेंगलुरु, 24 सितंबर उच्च न्यायालय में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) घोटाले मामले में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की याचिका खारिज होने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने मंगलवार को दोहराया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार को गिराने का कोई इरादा नहीं है।
श्री जोशी ने कहा कि मुडा घोटाले में श्री सिद्दारमैया के खिलाफ अभियोजन के लिए राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका को उच्च न्यायालय द्वारा खारिज करना कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री के लिए ''चेहरे पर तमाचा'' लगना जैसा है।
उन्होंने इस घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा निष्पक्ष जांच की अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “लोगों ने शासन करने का जनादेश दिया है। कांग्रेस को सरकार को ठीक से चलाने दें और भ्रष्टाचार में फंसने से बचें।” उन्होंने जवाबदेही की मांग करते हुए चुनावी प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने इस फैसले के बाद श्री सिद्दारमैया पर “राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की परंपरा” को जारी रखने का आरोप लगाया और कहा कि मुख्यमंत्री गरीबों से खोखले वादे करते हैं और खुद को और अपने परिवार को समृद्ध बनाने का काम करते हैं।
उन्होंने कहा, “भाजपा भ्रष्टाचार के आरोपों की स्वतंत्र जांच की सुविधा के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के इस्तीफे की मांग करती है।'' उन्होंने दावा किया कि मुडा मामला एक मौजूदा मुख्यमंत्री द्वारा पद के दुरुपयोग का ज्वलंत उदाहरण है।
बेंगलुरू में भाजपा नेता सी टी रवि ने अदालत के फैसले का अनुमोदन करते हुए कहा, “हम इसका स्वागत करते हैं। कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है। क्या सिद्दारमैया के लिए कोई अलग कानून है, इस देश में ऐसा नहीं है। भ्रष्टाचार हुआ है... उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।”
भाजपा एमएलसी शशिल जी. नमोशी ने भी इन भावनाओं को दोहराया और कहा कि अदालत के फैसले ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत के अभियोजन के आदेश को वैध ठहराया है। उन्होंने कहा, “इससे केवल यह साबित होता है कि हम जो कह रहे थे वह सच था। मैं केवल सिद्दारमैया जी से इस्तीफा देने का अनुरोध करता हूं।”
इस बीच हुबली में भाजपा सांसद जगदीश शेट्टार ने अदालत के फैसले के बाद तत्काल जांच की मांग की और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ''जब उनका नाम शामिल है और उनकी पत्नी का नाम भी है तो मैं आग्रह करता हूं कि सीएम नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा दें।'' उन्होंने फैसले को कानूनी सिद्धांतों के अनुरूप एक ऐतिहासिक फैसला बताया।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.