नयी दिल्ली 25 सितंबर छत्तीसगढ़ ने रोजगार सृजन के मामले में देश भर में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में पांचवें स्थान प्राप्त किया है।
हाल ही में जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में चल रहे रोजगार सृजन और विकासपरक प्रयास बेरोजगारी दर के मामले में राज्य की बड़ी सफलता को प्रदर्शित करता है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने खासतौर पर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। सरकार ने स्वरोजगार और कौशल विकास को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, ताकि गांव के युवाओं को अपने ही इलाके में काम करने का अवसर मिल सके और उन्हें महानगरों की ओर पलायन न करना पड़े।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। सरकार ने हाल ही में पुलिस, स्वास्थ्य, पीएचई (सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी) और पंचायत विभागों में 1,068 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी है। इन भर्तियों से राज्य में युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य की विभिन्न योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री साय ने इस बात पर जोर दिया है कि यह पहल राज्य के विकास को गति देने के साथ-साथ युवाओं के सपनों को नई उड़ान देगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा और कौशल विकास को रोजगार सृजन के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में माना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास करें, जिससे वे नए उद्योगों में काम करने के लिए तैयार हो सकें। राज्य में कई कौशल विकास केंद्र खोले गए हैं, जहां युवाओं को आधुनिक तकनीकों और कौशलों की शिक्षा दी जा रही है, ताकि वे रोजगार के नए अवसरों का लाभ उठा सकें।
प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा उठाए गए कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन को भी साकार कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के जरिए सरकार ने राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने जिस प्रकार देश के हर कोने में विकास और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है, छत्तीसगढ़ सरकार उसी दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में प्रदेश के प्रत्येक गांव में रोजगार सृजन की योजनाओं का विस्तार करने का संकल्प लिया है, ताकि राज्य का हर युवा आत्मनिर्भर बन सके और राज्य का विकास तेजी से हो सके।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.