नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर चुनाव आयोग ने कहा है कि एक्जिट पोल पर आत्मचिंतन तथा जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है और इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर जो सवाल उठते हैं वे आधारहीन हैं और ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान करते हुए मंगलवार को यहां निर्वाचन सदन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एक्जिट पोल का कोई मतलब नहीं है और मतगणना के दिन जो रुझान मतगणना आरंभ होने के साथ ही आने शुरु होते हैं वे एक्जिट पोल को सही ठहराने का प्रयास है। उनका कहना था कि हाल के चुनाव में जो रुझान टीवी चैनलों ने शुरु में दिये वे पूरी तरह से आधारहीन थे।
उन्होंने कहा कि जब आयोग की वेबसाइट पर साढ़े नौ बजे पहला रुझान दिया जाता है तो टीवी चैनल मतगणना शुरु होने के 10-15 मिनट के भीतर ही कैसे रुझान देना शुरु करते हैं। बाद में वे रुझान भी एक्जिट पोल की तरह ही गलत साबित होते हैं। हो सकता है कि संवाददाता मतदान केंद्र के आसपास खबरें जुटाते हों लेकिन उनकी खबरें जल्द ही एकदम उलट कैसे जाती हैं इसका मतलब है कि चैनल ऐसा करके सिर्फ अपने एक्जिट पोल को सही ठहराने का प्रयास करते हैं।
आयोग ने कहा कि एक्जिट पोल के लिए आत्मचिंतन की जरूरत है। हो सकता है कि एक्जिट पोल देने वाली एजेंसियों के लोग हों लेकिन इसके परिणाम देने से पहले यह सोचने की जरूरत है कि कहीं परिणाम गलत निकल गये तो फिर नैतिकता का क्या होगा। इस बारे में चिंतन करने की जरूरत है।
ईवीएम से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। ईवीएम की तुलना पेजर से करने पर उन्होंने कहा कि ईवीएम कहीं भी पेजर की तरह बाहर कनेक्टेड नहीं होता है। ईवीएम से किसी भी स्तर पर छेड़छाड नहीं की जा सकती है और इसको लेकर किसी भी तरह से छेड़छाड़ की खबरे निराधार हैं। ईवीएम को हर स्तर पर जांच की जाती है और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक हर स्तर पर वीडियोग्राफी होती है और सभी दलों के एजेंटों के सामने इसे खोला जाता है, सील किया जाता है और इसकी प्रक्रिया पूरी सबके सामने होती है इसलिए इसमें कहीं भी गड़बडी किये जाने की संभावना बिल्कुल नहीं है।
उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर हाल में ही उन्हें 20 शिकायतें मिली हैं और आयोग हर शिकायत का जवाब देगा। सारे जवाब लिखित में दिये जाएंगे। उनका कहना था कि आयोग सबकी शिकायतों का निराकरण करेगा और हर शिकायत का जवाब देगा।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.