नयी दिल्ली 25 अक्टूबर पूर्वी लद्दाख में करीब साढ़े चार वर्ष तक चले सैन्य गतिरोध के बाद भारत और चीन के सैनिकों ने डिप्सांग और डेमचोक से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सेना के सूत्रों के अनुसार इस प्रक्रिया के महीने के अंत तक पूरा हो जाने की संभावना है।
यह प्रक्रिया दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों में सैनिकों के गश्त की व्यवस्था पर सहमति बनने के बाद शुरू हुई है।
सूत्रों ने बताया कि इस प्रकिया के तहत दोनों सेनाओं ने कुछ अस्थाई टेंटों और संरचनाओं को भी हटाया है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 20 अक्टूबर को बताया था कि दोनों देशों के बीच गश्त की व्यवस्था पर सहमति बन गई है जिससे दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने तथा अप्रैल 2020 की स्थिति के बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
इसके बाद 22 अक्टूबर से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।
इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक हुई। दोनों नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सामान्य स्थिति की बहाली और गतिरोध दूर करने के लिए बनी सहमति का स्वागत किया । उन्होंने माना कि दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिए सीमा पर शांति, स्थिरता और परस्पर विश्वास का माहौल जरूरी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि इस सहमति से सैनिकों के गश्त और पशुओं के चराने की परंपरागत व्यवस्था बहाल होगी। उन्होंने कहा था कि निरंतर बातचीत से मतभेद दूर करने में मदद मिलती हैं।
सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों सेनाओं के कमांडर इसका सत्यापन करेंगे जिसके बाद क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण भी किया जाएगा।
मई 2020 में चीन द्वारा सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की कोशिश की गई थी। भारतीय सेना ने इसका कड़ा विरोध करते हुए इस कोशिश को विफल कर दिया था जिससे क्षेत्र में सैन्य गतिरोध उत्पन्न हो गया था।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.