मणिशंकर ने ममता को बताया इंडिया गठबंधन का 'चेहरा', कांग्रेस हुई असहज
कोलकाता/नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का 'चेहरा' मानते हैं! एक साक्षात्कार में कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस को गठबंधन की नेतृत्व से हटने के लिए तैयार रहना चाहिए। जो लोग या जो लोग नेतृत्व संभालना चाहते हैं, उन्हें फिलहाल नेतृत्व का जिम्मा दे देना चाहिए। इस गठबंधन का मुख बनने की योग्यता कई लोगों में है, जिनमें एक प्रमुख नाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का है। स्वाभाविक रूप से, उनके इस बयान से कांग्रेस में असहजता का माहौल बन गया है।
पिछले दिनों, कई मुद्दों पर इंडिया गठबंधन के भीतर मतभेद सामने आए हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में अदानी मुद्दे पर कांग्रेस और तृणमूल के बीच विवाद ने कई अटकलें लगाई हैं। विश्लेषकों के एक समूह का मानना है कि कांग्रेस 'अघोषित' रूप से गठबंधन की कप्तान बनने का ख्वाब देख रही है। हालांकि, सोनिया-राहुल गांधी का ' रवैया तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी जैसी अन्य साझीदार पार्टियों के लिए समस्या बन गया है। ममता बनर्जी ने कई बार स्पष्ट शब्दों में कहा है कि कांग्रेस को साझीदारों की बात सुननी चाहिए और गठबंधन के मुद्दों पर सभी के साथ बातचीत कर रणनीति तय करनी चाहिए। हाल ही में, तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी कहा कि कांग्रेस को अन्य साझीदारों की बात सुननी चाहिए और इंडिया गठबंधन की नेतृत्व में ममता बनर्जी सबसे सक्षम हैं।
पूर्व पेट्रोलियम मंत्री के बयान को इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक राष्ट्रीय समाचार चैनल से बातचीत में मणिशंकर अय्यर ने कहा, "मुझे लगता है कि कांग्रेस को तैयार रहना चाहिए। वे इंडिया गठबंधन का मुख नहीं बन सकते। क्योंकि अन्य साझीदारों में भी नेतृत्व देने की क्षमता है। इस गठबंधन की नेता बनने की योग्यता ममता बनर्जी में है। अन्य पार्टियों में भी योग्यता है। इसलिए कोई भी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर सकता है।"
मणिशंकर ने यह भी याद दिलाया कि इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस की अहमियत कम नहीं है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस को गठबंधन की नेतृत्व से हटने के लिए तैयार रहना चाहिए। जो लोग या जो लोग नेतृत्व संभालना चाहते हैं, उन्हें फिलहाल नेतृत्व का जिम्मा दे देना चाहिए। इस गठबंधन का मुख बनने की योग्यता कई लोगों में है, जिनमें ममता बनर्जी प्रमुख हैं।" राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि इंडिया गठबंधन का मुख बनने के लिए ममता बनर्जी पर विश्वास जताया जा रहा है।
यह उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा को कई सीटें गंवानी पड़ीं। 18 से घटकर भाजपा के पास केवल 12 सीटें रह गईं। ममता के मॉडल के सामने मोदी-शाह टिक नहीं सके। केवल यही नहीं, हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनावों में भी भाजपा कोई प्रभाव छोड़ने में सफल नहीं हो पाई। 6 सीटों पर तृणमूल ने जीत हासिल की। मादरिहाट जैसे क्षेत्र में भी भाजपा हार गई। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। 102 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद कांग्रेस केवल 16 सीटों पर ही जीत पाई। इस कारण से यह साफ है कि कांग्रेस भाजपा से मुकाबला करने में विफल रही है। यही कारण है कि कई साझीदार ममता जैसे अनुभवी नेता को आगे लाने की ओर इशारा कर रहे हैं। लालू प्रसाद यादव, शरद पवार जैसे बड़े नेता भी तृणमूल प्रमुख ममता के पक्ष में झुक रहे हैं।