मोदी सरकार का एक और बड़ा राहत पैकेज, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि और रोजगार के क्षेत्र में 6.28 लाख करोड़ रूपये का निवेश करने और नए सुधारों तथा रियायतों का एलान
नयी दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना महामारी के कारण धीमी पड़ रही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि और रोजगार के क्षेत्र में 6.28 लाख करोड़ रूपये का निवेश करने और नए सुधारों तथा रियायतों का एलान किया है।
श्रीमती सीतारमण ने सोमवार को यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में आठ राहत उपायों का एलान किया। उन्होंने कहा कि इन उपायों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी तथा लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 6,28,993 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन पैकेज दिया जायेगा। इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा मजबूत करेगी। इसके लिए भारी निवेश किया जाएगा। देश के मध्यम स्तर के शहरों में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 1.1 लाख करोड़ रुपये का कोष 'क्रेडिट गारंटी योजना ' के लिए आवंटित किया है। कोविड से प्रभावित क्षेत्रों को इससे मदद मिलेगी। आठ महानगरों को छोडकर दूसरे शहरों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके तहत सरकार कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करायेगी। योजना के तहत 100 करोड़ रुपये का अधिकतम ऋण होगा। इस ऋण पर सरकार की गारंटी भी होगी। बिजली क्षेत्र में 3.03 लाख करोड़ रूपये का निवेश होगा।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार ने बिजली क्षेत्र में भी सुधार के लिए कदम उठाया है। इसके लिए स्मार्ट मीटर लगाने पर जोर होगा। बच्चों के लिए अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने के लिए 23 हजार 220 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके तहत बच्चों के लिए आईसीयू बेड सहित अन्य सुविधाएं बनाई जाएंगी। यह राशि अगले साल 31 मार्च तक खर्च होगी। पिछले साल भी सरकार ने अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए 15000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्रेडिट गारंटी योजना के तहत 1.5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋण का प्रावधान किया गया है। क्रेडिट गारंटी योजना से 25 लाख छोटे उद्यमियों को इसका फायदा मिलेगा। इसकी समय अवधि अधिकतम तीन साल की होगी। इसका लाभ 31 मार्च 2022 तक उठाया जा सकता है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में टूरिस्ट गाइड और इस तरह के दूसरे के लोगों के लिए मदद दी जाएगी। इसका लाभ 11000 टूरिस्ट गाइड को इसका लाभ मिलेगा। एक लाख रुपये तक की सहायता टूरिस्ट गाइड को दी जाएगी। टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपये तक की मदद दी जाएगी।
भारत आने वाले पहले पांच लाख टूरिस्ट को वीजा शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यह योजना अगले साल 31 मार्च तक जारी रहेगी। इस पर कुल 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।