यमुना की सफाई हमारी पहली प्राथमिकता: केजरीवाल
नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना की खोई सुंदरता को वापस लाने का वादा करते हुए गुरुवार को कहा कि एक जिम्मेदार सरकार होने के नाते यमुना की सफाई उनकी पहली प्राथमिकता है।
श्री केजरीवाल ने यमुना सफाई के संबंध में औद्योगिक क्षेत्रों और जेजे क्लस्टरों से अपशिष्ट जल के प्रबंधन पर आज एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में यमुना नदी की सफाई को लेकर आने वाली विभिन्न चुनौतियों और उससे निपटने के समाधानों पर गंभीरता से चर्चा हुई। उन्होंने अधिकारियों को कार्य योजना में खामियों की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ने के निर्देश देते हुए कहा कि एक जिम्मेदार सरकार होने के नाते यमुना की सफाई सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। इस मुद्दे पर उसी मानसिकता और गंभीरता के साथ काम करना होगा, जो पिछले कार्यकाल में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में किया गया था। इस कार्यकाल में यमुना की सफाई और जलापूर्ति सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके लक्ष्य को हासिल करने में किसी भी तरह से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री कहा, “यमुना नदी को साफ करने में हम जिस बड़ी बाधा का सामना कर रहे थे, वह यह थी कि यह कई निकायों द्वारा शासित होने की वजह से एक जटिल प्रणाली से त्रस्त थी। इस समस्या को दूर करने के लिए हम यमुना क्लीनिंग सेल बना रहे हैं, जो सभी निकायों के कामकाज की निगरानी करेगा। इस सेल के गठित होने के बाद एक ही जगह जिम्मेदारी तय हो जाएगी और परियोजनाओं में तेजी आएगी। उदाहरण के तौर पर यदि इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योगों या कुछ अन्य प्रदूषणकारी कार्यों के कारण कोई समस्या आ रही है, तो यमुना क्लीनिंग सेल को इसका ध्यान रखना होगा।”
उन्होंने कहा कि यमुना क्लीनिंग सेल का गठन यमुना की सफाई में तेजी लाने के उद्देश्य से किया गया है। इस सेल में जेजे क्लस्टर और औद्योगिक क्लस्टर, सीईटीपी, प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों, यमुना सफाई परियोजनाओं और इन-सीटू ट्रीटमेंट के सीवरेज की देखभाल करने वाले डीजेबी, डीयूएसआईबी, डीएसआईआईडीसी, डीपीसीसी और आई एंड एफसी विभाग के 6 वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह अधिकारी दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को रिपोर्ट करेंगे। साथ ही यह अधिकारी यमुना क्लीनिंग सेल की ओर से लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन के लिए भी जिम्मेदार होंगे और इससे इनके प्रयासों को मजबूती मिलेगी।
यमुना क्लीनिंग सेल जेजे क्लस्टर, औद्योगिक क्लस्टर और सीईटीपी के सीवरेज सिस्टम की जिम्मेदारी संभालेगा। यह यमुना सफाई के सभी कार्य बिंदुओं के लिए भी संयुक्त रूप से जिम्मेदार होगा, जिसमें नए एसटीपी, डीएसटीपी का निर्माण, मौजूदा एसटीपी का 10/10 तक उन्नयन और क्षमता वृद्धि, 1799 अनधिकृत कॉलोनियों में सीवरेज नेटवर्क बिछाना; सेप्टेज प्रबंधन; ट्रंक/परिधीय सीवर लाइनों की गाद निकालना; पहले से अधिसूचित क्षेत्रों में सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना; आईएसपी के तहत 108 नालों की ट्रैपिंग, नालियों का इन-सीटू ट्रीटमेंट शामिल हैं।
मौजदा समय में दिल्ली के अंदर करीब 675 जेजे क्लस्टर हैं, जो बिना सीवर के हैं। इन जेजे क्लस्टर्स का अनुपचारित गंदा पानी यमुना नदी में गिरता है। डूसिब ने इन-सीटू जेजे क्लस्टर में सार्वजनिक सामुदायिक शौचालयों को बनाकर सुविधाएं दी हैं। इनमें से कुछ सामुदायिक शौचालय अपने गंदे पानी को करीब के बरसाती नाले में बहा देते हैं, जो यमुना नदी के पानी को प्रदूषित करता है। जेजे क्लस्टर्स से बरसाती पानी के नाले में आने वाले इस गंदे पानी की समस्या से निपटने के लिए ऐसे सभी जेजे क्लस्टर्स को बरसाती पानी के ड्रेनेज सिस्टम से अलग किया जाएगा और वहां से निकलने वाले गंदे पानी को आसपास के एसटीपी में ट्रीट करने के लिए भेजा जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जेजे क्लस्टर्स से बिना ट्रीट हुआ पानी यमुना नदी में नहीं गिरेगा। दिल्ली जल बोर्ड की देखरेख में डूसिब द्वारा ट्रैपिंग व्यवस्था की कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली में 13 सीईटीपी हैं, जो वर्तमान में 17 औद्योगिक क्लस्टर्स की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। डीएसआईआईडीसी दिल्ली में यमुना को प्रदूषित करने वाले औद्योगिक कचरे की संभावना को खत्म करने के लिए दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में जहां भी आवश्यक है, वहां पर सीईटीपी स्थापित करने पर काम कर रहा है। डीपीसीसी, उद्योग विभाग और डीएसआईआईडीसी इस परियोजना पर काम कर रहे हैं, ताकि इसके रास्ते में आने हर तरह की खामियों को दूर करने के लिए रास्ता निकाला जा सके।