अखिलेश दंगा कराते थे हम दंगल कराते हैं: अनुराग ठाकुर
बागपत। समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर खेल और खिलाड़ियों पर ध्यान न देने का आरोप लगाते हुये केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्षियों को दंगे की जगह दंगल का आयोजन रास नहीं आ रहा है।
बड़ौत में शनिवार को आयोजित दंगल में नामी गिरामी पहलवानों ने अपना दमखम दिखाया। आख़िरी कुश्ती 11 लाख रूपये ईनाम की पृथ्वी राज पाटिल महाराष्ट्र कैसरी और साहिल हरियाणा कैसरी के बीच करीब आधे घंटे तक चली जो बराबरी पर रही। दोनोंको आधा-आधा ईनाम दिया गया।
इस मौके पर ठाकुर ने कहा कि पूर्व की सपा सरकार ने खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की दशा में कोई काम नहीं किया। अब जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद खेल स्पर्धा करा रहे हैं तो उन्हें बुरा लग रहा है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से सवाल किया कि अगर सांसद अपने क्षेत्र के खिलाड़ियों को आगे बढ़ा रहे हैं तो इसमें बुराई क्या है।
उन्होने कहा “ अखिलेश जी आप प्रदेश में दंगा कराते थे, हम दंगल कराते हैं। हर कोई अब दंगा नहीं, बल्कि दंगल चाहता है। अखिलेश यादव इन सांसद खेल स्पर्धाओं पर सवाल उठाते हैं, लेकिन उनको सोचना चाहिए कि ऐसी ही प्रतियोगिताओं से प्रतिभाएं निकलती हैं। उन्हें प्रोत्साहन मिलता है तो वे पदक जीतकर देश और प्रदेश का मान बढ़ाती है।”
दंगल में एक लाख रूपये ईनाम की कुश्ती अतुल रोहतक और सोमबीर सोनीपत के बीच हुई । ये भी बराबरी पर रही।
साथ ही दो कुश्ती 51-51 हजार की हुई जो कि पहलवान सचिन खरखोदा और आर्यन सोनीपत के साथ हुई जो बराबरी पर छूटी। रामवीर दिल्ली निवासी एवं करण सिंह रोहतक निवासी के बीच भी कुश्ती हुई जो की बराबरी पर छूटी।
दंगल में महिला पहलवानों की कुश्ती भी आकर्षक का केन्द्र रही।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा “ अगर आप पदक विजेताओं को देखेंगे तो पाएंगे कि वे बहुत संपन्न घरों से नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के युवा जिनके सीने में आगे बढने की ललक है और कुछ कर दिखाने व हासिल करने की जज्बा है, ऐसी ही लोग भारत के लिए पदक जीत रहे हैं। हम ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभा खोजने आएंगे। उन्हें चुना जाएगा, परखा जाएगा, प्रोत्साहित किया जाएगा और हीरे में बदलने में सक्षम बनाया जाएगा, ताकि वे भारत का नाम रोशन कर सकें। ”
अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार ने खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए अभियान चलाकर काम किया है। ओलंपिक और अन्य अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारत की झोली में आये पदक इसको प्रमाणित करते हैं। इन खेल स्पर्धाओं में जीतने वालों को साई (स्पोर्ट्स अथॉरिटी आफ इंडिया) के कोच से दो सप्ताह की ट्रेनिंग सरकार अपने खर्चे पर कराएगी और उनको आगे बढ़ाया जाएगा।
दंगल में आये सासंद डा सत्यपाल सिंह ने कहा कि दंगलो के आयोजनों से युवाओं में शारीरिक मज़बूती के साथ मानसिक रूप से भी मज़बूती आती है। दंगलों में आए हुए पहलवानों में से कोई भी पहलवान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकता है।