अभिषेक के जन्मदिन पर बधाई का तांता, कार्यालय के बाहर हुई भारी भीड़ >>>>>>>>>>> >>> वातावरण बंगाल की खाड़ी में फिर से बनेगा निम्न दबाव, मौसम में बदलाव के आसार >>>>>>>>>>> >>> अब गंगा के नीचे कोलकाता से हावड़ा तक बनेगा सुरंग मार्ग, केंद्र सरकार ने बनाई योजना >>>>>>>>>>> >>> पोस्ता पूजा के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा "बंगाल को अपना घर बनाएं" >>>>>>>>>>> >>> अमित शाह की मौजूदगी में ‘भड़काऊ’ टिप्पणी के आरोप में मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज
Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

सिद्धांत नहीं अवसरवाद की राजनीति करती हैं ममता बनर्जी: कांग्रेस




नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी सिद्धांतों की नहीं बल्की अवसरवादिता की राजनीति करती हैं और कांग्रेस को किसी तरह की सलाह देने से पहले उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए कि वह कांग्रेस से लड़कर किसकी मदद कर रही हैं।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां संसद भवन परिसर में पत्रकारों के सवाल पर कहा कि राजनीतिक अवसरवादिता तथा सच की लड़ाई में फर्क होता है। सुश्री बनर्जी युवा कांग्रेस से राजनीति में आगे बढी लेकिन भाजपा तथा राजग में शामिल हो गईं और केंद्र में भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री बन गई। जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उन्हें अवसर कम नजर आया तो उन्होंने राजग छोड़कर कांग्रेस का साथ दिया लेकिन जल्द ही फिर राजग गठबंधन में चली गईं।
उन्होंने कहा कि जब उन्हें लगा कि वहां अवसर कम है तो फिर कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के साथ आ गई और केंद्र में मंत्री बनी। अचानक उन्हें कुछ नया अवसर नजर आया तो फिर भाजपा में चली गई और कहा कि उसके साथ उनकी मित्रता स्वाभाविक है। उनका कहना था कि ममता बनर्जी वही कर रहहीं है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं। वह भी विधायक तोड़ती हैं और खरीद-फरोख्त करती हैं। उन्हें सोचना चाहिए कि कभी इंदिरा गांधी को अपना प्रेरणास्रोत मानने वाली ममता बनर्जी का प्रेरणास्रोत अब फासीवादी ताकतें तो नहीं बन गईं।
श्री सुरजेवाला ने सुश्री बनर्जी को समझाते हुए कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि राजनीतिक अवसरवादिता और सिद्धांत की राजनीति में बहुत फर्क होता। उन्हें इस बारे में आत्ममंथन करना चाहिए। बिना सिद्धांत की राजनीति करने वाली सुश्री बनर्जी को अवसरवादिता की राजनीति की बजाय वसूलों की लड़ाई लड़नी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पांच साल पहले ममता बनर्जी की पार्टी गोवा में नहीं थीं और ही उत्तराखंड में थीं लेकिन अब उन्हें लगने लगा कि वहां कांग्रेस जीत रही हैं तो वह गोवा और उत्तराखंड पहुंच गई। उन्हें सोचना चाहिए वह फासीवादी ताकतों के साथ खडी हैं या धर्मनिरपेक्षता की मदद कर रही हैं। वह विचार करें कि उनकी पार्टी मोदी की मदद कर रही हैं कि कांग्रेस से लड़ रही हैं।


भारत

  • "महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस, फडणवीस और शिंदे की दौड़ में मुकाबला तेज"

    मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है

  • महाराष्ट्र में महायुति की सुनामी, झारखंड में फिर से झामुमो सरकार

    रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.

  • एग्जिट पोल में बीजेपी आगे! महाराष्ट्र में महायुति, तो झारखंड में एनडीए सरकार

    महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.