प्रदेश में विकास और जनकल्याण के लगातार किए जा रहे हैं काम: शिवराज
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में विकास और जन-कल्याण की गतिविधियों के संचालन के लिए राज्य सरकार फ्रंटफुट पर कार्य कर रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि श्री चौहान ने नई दिल्ली में एक मीडिया समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साल में एक लाख 50 हजार करोड़ की राशि किसानों के खातों में डाली गई है, संबल योजना पुन: आरंभ की गई है। प्रदेश में जारी लाड़ली लक्ष्मी योजना सहित महिला सशक्तिकरण के लिए क्रियान्वित योजनाओं का परिणाम ही है कि लिंगानुपात एक हजार पर 912 से बढ़कर 956 हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेशवासियों की जिन्दगी बदलना हमारी सरकार का संकल्प है। जनता की बेहतरी के लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में एक टीम, एक मत, एक संकल्प के साथ निरंतर सक्रिय है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी असाधारण व्यक्ति हैं। वे मेन ऑफ आडियाज हैं। उनके विचारों और कार्यों के परिणामस्वरूप देश बदल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा आरंभ योजनाओं का आदर्श रूप से क्रियान्वयन और उसमें अग्रणी रहने के लिए राज्य सरकार सदैव प्रयासरत रहती है। प्रदेश में प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में अधोसंरचना विकास, किसानों के कल्याण और बेटियों की बेहतरी के लिए निरंतर कार्य जारी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ग्लासगो सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्व को दिशा दिखाई है। पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। मैंने प्रतिदिन पौधे लगाने का संकल्प लिया है। इस गतिविधि में सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और व्यक्तियों को जोड़ने के उद्देश्य से मैं प्रतिदिन उनके साथ वृक्षा-रोपण करता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेश में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में कार्य हो रहा है। हमारा उद्देश्य 10 प्रतिशत तक बिजली बचाने का है, जिसे हम जन-भागीदारी से प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं व्यक्तिगत स्तर पर भी बिजली बचाने का प्रयास करते हैं और लोगों को इसके लिए निरंतर प्रेरित भी करते हैं। अपने स्तर पर यदि कोई बल्ब या ट्यूबलाईट उन्हें व्यर्थ जलता दिखाई देता है तो वे स्वयं उसे बुझाते हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर ऐसे ही छोटे-छोटे प्रयासों से बिजली बचेगी।
श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय समुदाय प्रदेश की जनसंख्या का 21 प्रतिशत से अधिक है। उनका कल्याण और उन्हें अधिकार सम्पन्न बनाना हमारा लक्ष्य है। देश के इतिहास में जनजातीय समुदाय के योगदान और बलिदान के संबंध में सही जानकारी लोगों तक पहुँचाने का प्रयास भी प्रदेश में किया जा रहा है। सामाजिक समरसता बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का सामना जन-भागीदारी मॉडल के आधार पर किया जाएगा। हम संकट के मुहाने पर खड़े हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट, वेंटीलेटर की उपलब्धता तथा अन्य सभी आपातकालीन आवश्यक व्यवस्थाएँ उपलब्ध हैं। हमारा प्रयास होगा कि इन सबकी आवश्यकता ही न पड़े। वर्तमान में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों का कड़ाई से पालन करने के लिए वातावरण निर्माण की प्रक्रिया को गति दी जा रही है। संभावित संकट का मुकाबला मिल-जुलकर किया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के साथ राज्य सरकार संपूर्ण मानवीय संवेदना के साथ खड़ी है। परिवार के सदस्य के भाव से इन बच्चों के भरण-पोषण, आवास और पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है।