आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रोसैया का निधन
हैदराबाद।अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तमिलनाडु के पूर्व राज्यपाल कोनिजेती रोसैया का शनिवार को निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे।
पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उनके परिवार में पत्नी और तीन पुत्र और एक पुत्री है। श्री रोसैया ने आज सुबह अंतिम सांस ली। उनकी नब्ज अचानक से मंद पड़ने पर उन्हें उनके अमीरपेट आवास से एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां उनका उपचार के दौरान निधन हो गया।
श्री रोसैया के पार्थिव शरीर को यहां तेलंगाना प्रदेश कांग्रस समिति मुख्यालय गांधी भवन में रखा जाएगा ताकि लोग उनका अंतिम दर्शन कर सकें। उनका अंतिम संस्कार रविवार को शहर के जुबली हिल्स इलाके के महाप्रस्थानम में किया जाएगा।
इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और तेलंगाना के सूचना प्रौद्याेगिकी मंत्री के टी रामा राव ने पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर शोक व्यक्त किया।
श्री रोसैया का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के तेनाली मंडल के वेमुरु गांव में मध्यवर्गीय हिंदू गवरा कोमाती वैश्य परिवार था। उन्होंने गुंटूर हिंदू कॉलेज कॉमर्स से स्नातक की पढाई की थी। जब वह गुंटूर जिला परिषद हाई स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे तब उन्हें छात्र नेता के रूप में चुना गया। इसके बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था।
श्री रोसैया को 18 मौकों पर अविभाजित आंध्र प्रदेश में राज्य का बजट पेश करने का अनूठा गौरव प्राप्त था। पूर्व मुख्यमंत्री, जो स्वतंत्र पार्टी के नेता और स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे। वह 31 अगस्त 2011 से 30 अगस्त 2016 तक तमिलनाडु के राज्यपाल भी रहे। श्री रोसैया ने अपनी राजनीतिक यात्रा 1968 में विधान परिषद के सदस्य के रूप में की थी और वर्ष 1974, 1980 ओर 2009 परिषद के सदस्य रहे और इसके बाद 1989 और 2004 में कांग्रेस की टिकट से आंध्र प्रदेश के चिराला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री 1998 में लोकसभा की नरसारावपेट निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए। उन्होंने अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित अधिकतर प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया।
दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के निधन के बाद श्री रोसैया को अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया और वह 2009 से 2010 तक मुख्यमंत्री पद पर कार्यरत रहे। इसके बाद वह 2011 से 2016 के बीच दो महीने कर्नाटक के राज्यपाल और फिर तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवा दी।
श्री रोसैया ने तमिलनाडु के राज्यपाल के पद पर पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया। वह अपने 50 साल के लंबे राजनीतिक सफर में कई मंत्री पद पर कार्यरत रहे थे। वह आंध्र प्रदेश राज्य के सबसे अनुभवी राजनीतिक नेताओं में से एक हैं और वित्त मंत्री के रूप में उनकी प्रमुख भूमिका रही थी।