अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर भारी हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
नयी दिल्ली। विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा में शुक्रवार को गृह राज्यमंत्री मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के इस्तीफे की मांग को लेकर भारी हंगामा किया जिसके कारण पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल को सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस ,द्रविड़ मुनेत्र कषगम, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत कई विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के बीचो-बीच आ गए। शोर शराबा कर रहे सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिसमे 'लखीमपुर पीड़ितों को न्याय दो' और 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री मिश्रा को हटाओ' लिखा हुआ था।
विपक्ष के शोर-शराबे के बीच श्री अग्रवाल ने मंत्रालयों और संसदीय समितियों से संबंधित महत्वपूर्ण कागजात सभा पटल पर रखवाए।
हंगामे के बीच ही खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी बिल 2021, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन्यजीव संरक्षण संशोधन बिल 2021 और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चार्टर्ड एकाउंटेंट, लागत, संकर्म लेखपाल, कंपनी सचिव संशोधन बिल 2021 पेश किया।
इसके बाद हंगामे के बीच ही सरोगेसी विनियमन विधेयक में राज्य सभा के संशोधनों को लोकसभा में स्वीकृत किया गया।
पीठासीन अधिकारी ने बार-बार विपक्षी सदस्यों से अपनी सीट पर लौट जाने का आग्रह किया लेकिन शोर मचा रहे सदस्यों पर उनके आग्रह का कोई असर नहीं हुआ। सदन में गतिरोध बढ़ता देख हुए श्री अग्रवाल ने कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
इससे पहले सुबह जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने श्री मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया तो कई विपक्षी सदस्य हंगामा करते हुए सदन के बीचो-बीच आ गए। हंगामे के बीच अध्यक्ष ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की।
उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि लोकसभा की किसी भी सम्पत्ति का अगर नुक़सान होता है तो उसके लिए सदस्य स्वयं ज़िम्मेदार होंगे।
अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए सभी सदस्य अपने-अपने स्थान पर जाएँ और सदन को चलाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि नारेबाज़ी और तख़्तियाँ लहराने की नयी परम्परा की शुरुआत हो रही है, यह सही नहीं है। इसी बीच श्री मिश्रा के इस्तीफ़े की माँग पर हंगामा बढ़ने लगा और सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।